Smart Meter: ग्रामीणों में भी चल रहा काम
Smart Meter: बताया जाता है कि लक्षित घरों में स्मार्ट मीटर लगने के बाद ही व्यवस्था शुरू की जाएगी। वर्तमान में शहरी इलाकों में महासमुंद, सरायपाली, पिथौरा में ज्यादा स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा ग्रामीण एरिया में भी मीटर लगाने का काम चल रहा है। बिजली विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत जुलाई महीने से शुरू हुई थी। 18 सितंबर तक 8 हजार उपभोक्ताओं के घरों में मीटर लग चुके हैं। अब 28 महीने का समय बाकी
बारिश थमने के बाद अक्टूबर तक 16 हजार मीटर लगाए जा चुके हैं। हालांकि, मीटर (
CG Smart Meter ) लगाने के लिए 28 महीने का समय बाकी है। क्योंकि, जिले के 2 लाख 25 हजार घरों में 32 महीने के भीतर स्मार्ट मीटर लगाना है। मानसून सीजन खत्म होने के बाद अब इस काम में तेजी आएगी। जानकारी के मुताबिक नई व्यवस्था के तहत उपभोक्ताओं को जितना यूनिट बिजली चाहिए, उतने का ही पहले रिचार्ज करना पड़ेगा।
CG Smart Meter: बैलेंस खत्म होते ही बंद हो जाएगी बिजली
बैलेंस खत्म होते ही बिजली बंद हो जाएगी। स्मार्ट मीटर में एनआईसी कार्ड लगे होंगे। वर्तमान में बिजली विभाग का पूरा ध्यान उपभोक्ताओं से बकाया बिजली का बिल वसूलने में है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रीपेड बिजली की व्यवस्था कब से शुरू होगी, इस संबंध में अभी कोई गाइडलाइन नहीं आई है। सीएसपीडीसीएल के अधीक्षण अभियंता शंकेश्वर कंवर ने बताया कि स्मार्ट मीटर का कार्य लगातार जारी है। जिले में लगभग 16 हजार मीटर लगाए जा चुके हैं। मानसून के बाद कार्य में तेजी आई है।
अभी भी करोड़ों का बिजली बिल बकाया
वर्तमान में पोस्ट पेड व्यवस्था होने से लोगों को राहत है। बिजली खपत के आधार पर बिजली बिल आ रहा है। फिर भी उपभोक्ता समय पर बिजली का बिल का भुगतान नहीं कर रहे हैं। बीच-बीच में बिजली विभाग सख्ती भी बरतता है। अभी करोड़ों का बिल बकाया है। जिसकी वसूली विभाग को करनी है। इसके बाद ही नई व्यवस्था शुरू होगी।
बकायदारों को भुगतान के लिए दिया जा रहा समय
स्मार्ट मीटर व्यवस्था शुरू होने के पहले बकायदारों को समय दिया जा रहा है। किस्तों में बकाया राशि जमा करने की अपील की जा रही है। वहीं उपभोक्ताओं को अपने घर की बिजली खपत की जानकारी देने के लिए ऐप की भी सुविधा दी गई है। मोर बिजली ऐप पर भी बिजली संबंधित सारी जानकारी देखी जा सकेगी। ऐप में स्मार्ट मीटर से जुड़ी सारी जानकारी आसानी से मिल जाएगी। बिजली बंद की सूचना भी दी जाएगी। ऐप के माध्यम से ही पता चल जाएगा कि खपत कितनी हुई है। फिर डिमांड के आधार पर नई व्यवस्था के रिचार्ज कराना पड़ेगा।