मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक चक्रवात झारखंड के आस-पास बना हुआ है। एक द्रोणिका बिकानेर क्षेत्र से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक विस्तारित है। इस कारण मौसम विभाग ने 29 जुलाई तक यलो अलर्ट जारी किया है। कहीं-कहीं पर गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है। तीन दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश से नदी और नालों का जलस्तर बढ़ने लगा है।
कोडार बांध में 10 फीट पानी हो गया है। लघु जलाशयों के जलस्तर में भी सुधार हुआ है। महानदी और आस-पास के नालों में भी जलस्तर बढ़ा है। पिछले कुछ दिनों हो रही बारिश के बाद खेतों में भी लबालब पानी भरा हुआ है। जिसकी निकासी के लिए किसान मशक्कत रह रहे हैं।
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देखिए कहा कितना बारिश हुई
महासमुंद विकासखंड में 6 मिमी, सरायपाली में 16.7, बसना में 12.4 मिमी, पिथौरा में 22.8, बागबाहरा में 3.7 और कोमाखान में 3.8 मिमी बारिश हुई। एक जून से अब तक महासमुंद विकासखंड में 446.3 मिमी, सरायपाली 318.1, बसना में 400.1 मिमी, पिथौरा में 404 मिमी, बागबाहरा 368 मिमी, कोमाखान में 290 मिमी बारिश अब तक दर्ज की गई है। जिले में अब तक 371 मिमी बारिश हो चुकी है। 25 जुलाई की स्थिति में महासमुंद में 451.2 मिमी बारिश होती है। जिले में औसत वर्षा से 83 फीसदी बारिश हो चुकी है। सावन माह में बादल जमकर बरस रहे हैं। बारिश होने से किसानों को भी राहत मिली है।महानदी के जलस्तर में हुई वृद्धि
जिला सेनानी अनुज कुमार एक्का ने बताया कि महानदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है, लेकिन हालात सामान्य है। अभी कहीं भी जलभराव की स्थिति नहीं है। बाढ़ व आपदा प्रबंधन के लिए टीम की तैयारी पूरी है। लाइफ बोट व अन्य सामग्री की जांच भी कर ली गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में पुल व घाट आदि बन जाने से राहत है। उल्लेखनीय है कि जून महीने में मानसून की दस्तक के बाद पर्याप्त बारिश नहीं होने से किसान समय पर धान की बोआई नहीं कर पाए। खंड वर्षा होने से चिंता बढ़ गई है। जुलाई महीने के 15 दिन के बाद सावन महीने के दूसरे दिन से जिले में झमाझम बारिश शुरू हुई। 36 घंटे तक झड़ी लगी रही। इससे किसानों को फसल के लिए पानी मिल गया है।