Dhan Kharidi: शनिवार को खरीदी नहीं होती। मामला शुक्रवार की शाम का है। जब एक किसान धान बेचने के लिए खरीदी केंद्र आया हुआ था। तौल के दौरान किसान को आभास हुआ कि बोरी में 40 किलो से ज्यादा धान है। इसके बाद किसान बाहर के तौल मशीन में जाकर धान की बोरी तौला तो 2 किलो अतिरिक्त धान मिला। इसके बाद अन्य बोरी में भी यही देखा गया। इसके बाद शनिवार को बड़ी संख्या में किसान बेमचा सोसाइटी में पहुंचे और मौके पर धान को तौला गया।
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Dhan Kharidi: किसानों को हो रही समस्या
समिति के अध्यक्ष व प्रबंधकों की मौजूदगी में दो किलो धान ज्यादा मिला। इसके बाद किसानों ने हंगामा किया और जांच की मांग की गई। प्रबंधक ने बताया कि एक बोरा में 40 किलो धान होता है। 650 ग्राम बोरा का भी होता है। 14 नवंबर से अब तक बेमचा सोसाइटी में कुल 67 किसानों ने धान बेचा है। सोसाइटी में कुल 1595 किसान पंजीकृत हैं। अब तक 3516.40 क्विंटल धान की खरीदी हुई है। इस मामले को लेकर बेमचा सोसाइटी के प्रबंधक पुराणिक लाल साहू ने बताया कि अन्य तौल मशीन में तौल करने पर दो किलो ज्यादा आ रहा है। कभी कम, तो कभी ज्यादा आ रहा है। समिति के अध्यक्ष राम दयाल यादव ने बताया कि कल ही पदभार ग्रहण किया हूं। हम किसान हित में कार्य करते हैं।
किसानों की जो भी समस्याएं हैं, उसका समाधान करने के लिए प्रयास किया जाएगा। दो किलो अधिक धान लेने की शिकायत आज ही मिली है। जिला विपणन अधिकारी टिकेंद्र राठौड़ ने बताया कि निरीक्षण के बाद ही इस संबंध में कुछ बता पाएंगे। शनिवार व रविवार को धान की खरीदी नहीं की जाती है। इसके बाद भी बड़ी संख्या में किसान शनिवार को बेमचा के धान खरीदी केंद्र में पहुंचे थे। किसान शाम तक अधिकारियों का भी इंतजार करते रहे। मामले के उजागर होने के बाद से अपना धान बेच चुके किसान भी मायूस है। 67 किसानों ने धान बेचा है। किसान एफआईआर दर्ज करने की भी मांग कर रहे हैं।
बदनाम करने की कोशिश: योगेश्वर
बेमचा पहुंचे किसानों ने कहा कि धान की खरीदी 14 नवंबर से की जा रही है। यदि जागरूक किसान द्वारा यदि अन्य जगह तौलकर नहीं देखा जाता तो आगामी दिन में टोकन कटाने वाले किसानों का नुकसान होता। जागरूक किसान के कारण कई लोगों का धान बच गया। मामला गंभीर है। इसकी जांच होनी चाहिए। किसानों के हंगामे के बाद प्रबंधक ने तौल मशीन व अन्य सामग्री बीजेपी कार्यालय से आने की बात कह दी, इस पर बीजेपी के नेता व कुछ किसान भड़क गए। इस मामले में योगेश्वर चंद्राकर ने कहा कि यह भाजपा को बदनाम करने की कोशिश है। जिन किसानों को क्षति हुई है, उसका भुगतान किया जाना चाहिए। बीजेपी सरकार किसानों का हित चाहती है। कांग्रेस के संरक्षण में जो अधिकारी कार्य कर रहे है, वह बर्दाश्त नहीं की जाएगी।