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8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा
Chhath Puja 2024: नहाय-खाय के साथ पर्व की शुरुआत हुई थी। बुधवार को खरना की रस्म निभाई गई। व्रतियों ने पूजा-अर्चना कर व्रत रखने का संकल्प लिया। रात में दाल और लौकी की सब्जी को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। खरना में श्रद्धालु खीर का प्रसाद बनाकर छठी मैया को भोग लगाया। इसके साथ ही 36 घंटे का व्रत शुरू किया। सात नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। महामाया तालाब में लोग सूर्य को अर्घ्य देते हैं। समाज के लोग नए-नए वस्त्र पहनकर सूर्य की उपासना करते है। बुधवार को पूजा में उपयोग की जाने वाली सामग्री फल व सब्जियां व अन्य सामग्री की खरीदारी की गई। 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और चार दिवसीय पर्व का समापन होगा। इसके अलावा समाज के लोग आतिशबाजी करेंगे।