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एक जून से ई-केवाईसी की प्रक्रिया चल रही है। चार बार तिथि में वृद्धि की जा चुकी है। बाद भी राशन कार्ड में दर्ज सदस्य ई-केवायसी में कराने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। बताया जा रहा है ज्यादातर बच्चों और बुजुर्गों की ही ई-केवाईसी नहीं हो पाई है। बच्चों का बायोमेट्रिक नहीं होने से राशनकार्डधारियों को चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
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जिले में 8 लाख 34 हजार राशनकार्डधारियों ने ही अभी तक ई-केवाईसी कराई है। पूर्व में सरायपाली व बसना विकासखंड में कार्य धीमा होने से फटकार भी लगाई गई थी। ई-केवाईसी नहीं कराने पर भविष्य में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इधर, रसोई गैस के उपभोक्ताओं को भी ई-केवाईसी कराना होगा। गैस एजेंसियों में सर्वर की समस्या के कारण ई-केवाईसी का कार्य धीमी गति से चल रहा है। जिले में लगभग ढाई लाख उपभोक्ता हैं। जिला खाद्य अधिकारी अजय यादव ने बताया कि उचित मूल्य की दुकान में उपभोक्ता ई-केवायसी करा सकते हैं।
तेजी आने की उम्मीद
विधानसभा चुनाव के कारण भी ई-केवाईसी की प्रक्रिया धीमी हुई। अब इसमें तेजी आने की उम्मीद है। ऐसे हितग्राही जिन्हें अन्य गांव राशन लेने के लिए जाना पड़ता है, ऐसे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे हितग्राहियों के लिए शिविर आदि नहीं लगाए जा रहे हैं।
विधानसभा चुनाव के कारण भी ई-केवाईसी की प्रक्रिया धीमी हुई। अब इसमें तेजी आने की उम्मीद है। ऐसे हितग्राही जिन्हें अन्य गांव राशन लेने के लिए जाना पड़ता है, ऐसे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे हितग्राहियों के लिए शिविर आदि नहीं लगाए जा रहे हैं।