scriptSextortion – पुलिस चला रही ‘सेक्सटॉर्शन रैकेट’, नामी लोगों को फंसाकर पैसे वसूल रही महिला सब इंस्पेक्टर की गैंग | Sextortion - Police is running a 'sextortion racket', a gang of female sub-inspector is extorting money by trapping famous people | Patrika News
भोपाल

Sextortion – पुलिस चला रही ‘सेक्सटॉर्शन रैकेट’, नामी लोगों को फंसाकर पैसे वसूल रही महिला सब इंस्पेक्टर की गैंग

जब बागड़ ही खेत खाने लगे तो फिर उस खेत का भगवान ही मालिक है। एमपी के पुलिस विभाग पर यह कहावत बिल्कुल सटीक बैठ रही है।

भोपालApr 25, 2024 / 11:57 am

deepak deewan

asigwl
Sextortion racket is operating by Gwalior SI – जब बागड़ ही खेत खाने लगे तो फिर उस खेत का भगवान ही मालिक है। एमपी के पुलिस विभाग पर यह कहावत बिल्कुल सटीक बैठ रही है। एमपी की पुलिस बाकायदा ‘सेक्सटॉर्शन रैकेट’ चला रही है। महिला सब इंस्पेक्टरों की एक गैंग बनी है जोकि अपने ही अफसरों और अन्य नामी लोगों को फंसाकर खूब पैसे वसूल रही है।
पुलिस के इस ‘सेक्सटॉर्शन रैकेट’ का पर्दाफाश तब हुआ जब पीड़ितों ने व्यापम व्हिसल ब्लोअर और आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी को इस मामले की जानकारी दी। आशीष चतुर्वेदी की शिकायत की जांच की गई जिसमें ग्वालियर में संचालित ‘सेक्सटॉर्शन रैकेट’ के उनके आरोपों की पुष्टि हुई है।
व्यापम व्हिसलब्लोअर ने ग्वालियर पुलिस को मामले की शिकायत की थी। उन्होंने दावा किया कि महिला सब इंस्पेक्टर— उप-निरीक्षकों की एक गैंग पुलिस अधिकारियों और अन्य धनी—मानी लोगों को फंसाने और उनसे पैसे वसूलने में लगी है। उनके आरोपों की आईपीएस अधिकारी ऋषिकेश मीना ने जांच की। जांच में आशीष चतुर्वेदी के आरोपों की पुष्टि हो गई। आईपीएस ऋषिकेश मीना की जांच में बताया गया कि ‘सेक्सटॉर्शन रैकेट’ के माध्यम से ग्वालियर के पुलिस अधिकारियों को ही निशाना बनाया जा रहा था।
आईपीएस ऋषिकेश मीना ने जांच के बाद एक व्यापक रिपोर्ट बनाई है। उन्होंने यह रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए ग्वालियर एसपी को सौंप दी है। आईपीएस मीना की जांच रिपोर्ट आशीष चतुर्वेदी के दावों का समर्थन करती है।
शिकायतकर्ता आशीष चतुर्वेदी ने इस बात पर खासा जोर दिया था कि यह रैकेट पुलिस कर्मियों के ही एक करीबी नेटवर्क द्वारा चलाया जाता है। रैकेट के लोग विशेष रूप से अपने साथी अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं। चतुर्वेदी के मुताबिक “कम से कम चार एसआई इस व्यवसाय में हैं। दो पर तो आरोप सिद्ध हो गये हैं। पुलिस वालों के उनके जाल में फंसने के बाद मामला मेरे पास आया। खास बात यह है कि पुलिस विभाग ही उनकी दलीलें नहीं सुन रहा था। इस प्रकार पुलिसकर्मी खुद उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं।
आशीष चतुर्वेदी ने मामले की गहन जांच की मांग की। शिकायत करने के बाद चतुर्वेदी के पास धमकी भरा फोन भी आया। आशीष चतुर्वेदी को चेताया गया कि अगर उन्होंने इस ‘धंधे’ में हाथ डाला तो दुष्कर्म के मामले में फंसा दिया जाएगा। इसके बाद उन्होंने एसपी से इस मामले की अलग से शिकायत की। एसपी को इस संबंध में ऑडियो मैसेज भी सौंपा।
पुलिस के जिस इंस्पेक्टर पर रेप का आरोप लगा है, उसने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को एक आवेदन दिया। दिलचस्प बात यह है कि इंस्पेक्टर ने आवेदन में कहा कि विभाग में कोई भी उसकी बात नहीं सुन रहा था, इसलिए उसे आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी से मदद मांगनी पड़ी।
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