मां को क्या बताया मां को यही बताया जाता रहा कि गुरविंदर, चीनी सेना के हमले में गंभीर जख्मी हो गया है और जल्द ठीक होकर लौटेगा। लेकिन मां चरणजीत कौर, अपने घर में लोगों का आना जाना देखकर बार बार चीखती रहीं। मां के दर्द को समझते हुए घर के पुरुष भी इस गमगीन माहौल में जमीन पर बैठे नहीं बल्कि आसपास खडे रहे और लोग उन्हें ढांढस बंधाने के लिए आते रहे।
गुरुवार को पहुंचेगा पार्थिव शरीर गुरविंदर के पिता लाभ सिंह बोलने से संकोच करते रहे और केवल इतना कहा कि एक मां के दर्द को देखना उनके वश में नहीं है। शायद इसी कारण शहीद गुरविंदर की मां को शहादत के बारे में बताने का हौसला नहीं हो रहा है। वीरवार शाम तक शहीद गुरविंदर का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचेगा।
अरमान धरे रह गए दो भाई व एक बहन में सबसे छोटे गुरविंदर सिंह की करीब तीन माह पहले ही सगाई हुई थी। नवंबर माह में शादी होनी थी। सेना में भर्ती हुए अभी दो साल ही हुए थे। पिता लाभ सिंह ने बताया कि नजदीकी गांव उभावाल में उसकी सगाई बड़े चाव से की गई थी। नवंबर में गुरविंदर के ड्यूटी से लौटने पर शादी धूमधाम से करनी थी। सभी अरमान धरे के धरे रह गए हैं। सुनाम के नायब तहसीलदार अमित कुमार शहीद के घर पहुंचे और परिवार को ढांढसा बंधाया।