जानें कैसे हुई मामले की जानकारी उधर, एसटीएफ ने मूल रूप से बिहार के रहने वाले शिशुपाल यादव को गिरफ्तार कर कानपुर नगर जिले के बाबूपुरवा थाने के सुपुर्द किया था, जहां मुकदमा दर्ज करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया था। शिशुपाल ने 16 नवंबर 2021 को अर्जुन प्रसाद की जगह लखनऊ में ऑनलाइन सेंटर में परीक्षा दी थी। लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद वह पांच मई 2022 को प्रयागराज पुलिस लाइंस में अर्जुन की जगह दस्तावेजों का सत्यापन कराने पहुंचा था। इसके बाद वह 19 मई 2022 को 37वीं वाहनी पीएसी कानपुर में शारीरिक दक्षता परीक्षा (दौड़) में शामिल हुआ।
यह भी पढ़े – शामली: अग्निपथ के विरोध में जयंत चौधरी की महापंचायत आज, हजारों की संख्या में जुटेंगे युवा पहले से था एसटीएफ के रडार पर वहीं शक के दायरे में आने पर शिशुपाल यादव को पहले से ही एसटीएफ के रडार पर रखा गया था। बता दें कि उसे 20 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। हालांकि इससे पहले ही वह अर्जुन प्रसाद की जगह सभी परीक्षाएं दे चुका था। इसके बाद जब परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया तो अर्जुन प्रसाद को सब इंस्पेक्टर के पद पर चयनित कर लिया गया। अर्जुन प्रसाद यूपी के बलिया जिले का रहने वाला है। वह राहुल नाम के एक युवक के जरिए सॉल्वर शिशुपाल के संपर्क में आया था। पूरी परीक्षा पास कराने के लिए सात लाख रुपये में सौदा तय हुआ था।
यह भी पढ़े – UP के टॉप टेन हिस्ट्रीशीटर पर CM योगी की बड़ी कार्रवाई, लाखों की कीमत का मकान कुर्क अभ्यर्थी का चयन निरस्त किया जाएगा उधर, उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. आरके विश्वकर्मा ने बताया कि सॉल्वर की गिरफ्तारी के संबंध में कानपुर पुलिस द्वारा सूचना न दिए जाने के कारण यह चूक हुई है। मामला संज्ञान में आते ही कानपुर पुलिस से एफआईआर की कॉपी मांगी गई है। अभ्यर्थी अर्जुन प्रसाद का चयन निरस्त किया जाएगा।