लखनऊ

Yogini Ekadashi Vrat: योगिनी एकादशी का रखें व्रत, भगवान विष्णु करेंगे पापों का नाश, इन रोगों से भी मिलेगी मुक्ति

Yogini Ekadashi Vrat Shubh Muhurat Puja Vidhi: योगिनी एकादशी व्रत (Yogini Ekadashi Vrat) के प्रभाव से सुख-समृद्धि और शांति का घर में आगमन होता है।

लखनऊJul 05, 2021 / 11:03 am

नितिन श्रीवास्तव

Yogini Ekadashi Vrat: योगिनी एकादशी का रखें व्रत, भगवान विष्णु करेंगे पापों का नाश, इन रोगों से भी मिलेगी मुक्ति

लखनऊ. Yogini Ekadashi Vrat: आज योगिनी एकादशी है। आपको बता दें कि हिंदू धर्म में एकादशी को काफी महत्व दिया गया है। योगिनी एकादशी का व्रत व्रत (Yogini Ekadashi Vrat) अषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। योगिनी एकादशी भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित है। कहा जाता है कि इस दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है और कथा का पाठ किया जाता है। जानकारों का मानना है कि योगिनी एकादशी व्रत कथा (Vrat Katha) के बिना एकादशी का व्रत अधूरा रहता है।
योगिनी एकादशी व्रत से पापों का होता है नाश

Yogini Ekadashi Shubh Muhurat Puja Vidhi: धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक अगर योगिनी एकादशी का उपवास रखा जाए और साधना की जाए तो हर तरह के पापों का नाश होता है। योगिनी एकादशी व्रत (Yogini Ekadashi Vrat) के प्रभाव से सुख-समृद्धि और शांति का घर में आगमन होता है। एकादशी व्रत से व्यक्ति को स्वर्गलोक मिलता है। मान्यताओं के मुताबिक योगिनी एकादशी का व्रत 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर होता है।
यह भी पढ़ें

Kanyadan Policy LIC Scheme: LIC की इस पॉलिसी से दूर हुई बिटिया की शादी की टेंशन, 130 रुपये जमा करें, मिलेगी 27 लाख की रकम

पढ़ें योगिनी एकादशी व्रत कथा

Yogini Ekadashi Vrat Katha: हिंदू धर्म की मान्यताओं के आधार पर योगिनी एकादशी के व्रत में जो कथा पढ़ी जाती है। उसके मुताबिक पौराणिक कथाओं के मुताबिक स्वर्ग की अलकापुरी नगरी में कुबेर (Kuber) नामक एक राजा रहता था। कुबेर भगवान शिव (Lord Shuiv) का भक्त था। वह हर दिन भोलेनाथ की पूजा करता था। राजा की पूजा के लिए हेम नाम का एक माली फूल लाता था। हेम माली की पत्नी का नाम विशालाक्षी था, जो एक अत्यंत सुंदर स्त्री थी। फिर एक दिन माली सरोवर से पुष्प तो ले आया लेकिन कामातुर होने की वजह से अपनी पत्नी से हास्य-विनोद करने में व्यस्त हो गया और राजमहल नहीं गया। दूसरी तरफ राजा माली का दोपहर तक इंतजार करता रहा। इसके बाद राजा कुबेर ने सैनिकों को आदेश दिया कि जाओ माली अब तक क्यों नहीं आया, इसका पता करो। सैनिकों ने लौटकर राजा को बताया कि माली बहुत पापी और अतिकामी है। वह अपनी पत्नी के साथ हास्य-विनोद में लगा है। ये सुनकर राजा कुबेर क्रोधित हो गए और माली को तुरंत उपस्थित करने का आदेश दिया। इसके बाद हेम माली राजा डर के मारे से कांपता हुआ आया। राजा कुबेर ने माली श्राप देते हुए कहा कि अरे नीच! पापी! कामी! तूने देवों के देव महादेव का अनादर किया है। मैं तुझे श्राप देता हूं कि तू पत्नी के वियोग में तड़पेगा। मृत्युलोक में जाकर तू कोढ़ी हो जाएगा। फिर मृत्युलोक में आकर हेम माली ने बहुत सारे कष्ट सहे। एक बार तो भयानक जंगल में जाकर बिना अन्न और जल के हेम माली भटकता रहा। फिर वह ऋषि मार्कण्डेय के आश्रम में जा पहुंचा। उसने ऋषि को अपनी कहानी बताई। ऋषि ये सुनकर बोले कि तूने मुझे सत्य बात बताई है, इसीलिए मैं तुम्हे उद्धार के लिए एक व्रत बता रहा हूं, अगर तुम योगिनी एकादशी का विधि-विधान से व्रत करोगे तो सभी पापों का विनाश हो जाएगा। ये सुनकर माली ने ऋषि को प्रणाम किया और विधिपूर्वक योगिनी एकादशी का व्रत रखा और फलस्वरूप हेम माली दोबारा स्वर्ग गया और अपनी पत्नी के साथ सुख से रहने लगा।
यह भी पढ़ें

Bijli Ka Bill: पहले से आधा हो जाएगा आपका बिजली का बिल, तुरंत कर लें यह जरूरी काम

इन रोगों से मिलती है मुक्ति

Yogini Ekadashi Significance: मान्यताओं की अगर मानें तो कुष्ट रोग से पीड़ित व्यक्ति अगर योगिनी एकादशी का व्रत करता है, तो उसे इस रोग से मुक्ति प्राप्त हो सकती है। इसके अलावा, इस एकादशी का व्रत करने से आने वाले समय में भी कुष्ट रोग होने का खतरा दूर होता है। साथ ही इस एकादशी का व्रत करने से त्वचा संबंधी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
यह भी पढ़ें

UP B.Ed. Entrance Exam 2021: बदल सकती है बीएड प्रवेश परीक्षा की तारीख, लखनऊ विश्वविद्यालय ने तैयारी के लिए मांगा और समय

Hindi News / Lucknow / Yogini Ekadashi Vrat: योगिनी एकादशी का रखें व्रत, भगवान विष्णु करेंगे पापों का नाश, इन रोगों से भी मिलेगी मुक्ति

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.