जालौन में लगभग 150 हेक्टेयर में ‘काऊ सफारी’ बनायी जाएगी। इसके लिए उरई में नवीन गल्ला मंडी के समीप रगौली गांव में बंजर पड़ी वन विभाग की भूमि चिन्हित की गयी है। इसका क्षेत्रफल करीब 150 हेक्टेयर होगा।
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि जिले में सात कान्हा गौशाला एवं 360 अस्थाई गौशालाएं हैं। अब वन विभाग की भूमि पर ‘काऊ सफारी’ की कार्ययोजना तैयार की गई हैं। वन विभाग और मंडी समिति के द्वारा भूमि की पैमाईश कर ली गई है। इस काऊ सफारी में लगभग 2-3 हजार पशुओं को रखा जा सकेगा।
गोवंश की रक्षा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार गंभीर है। विधानसभा चुनाव के मेनिफेस्टो में भी अन्ना पशु को शामिल किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यूपी में गोवंश और अवारा पशुओं की समस्या को अपने चुनावी भाषणों में जिक्र किया था।
देश में ‘गो संरक्षण’ का मॉडल रखने का काम सबसे पहले मध्य प्रदेश में किया गया। शिवराज सरकार ने 2017 में पहली काऊ सेंचुरी बनाई थी। यह काऊ सफारी आगर मालवा जिले की सुसनेर तहसील के सालरिया गांव में बनाई गई है। 472 हेक्टेयर में बनी इस काऊ सेंचुरी में 24 शेड हैं।