उत्तर प्रदेश के सभी प्राइमरी व उच्च प्राइमरी स्कूलों को कायाकल्प योजना से जोड़ने की तैयारी है। इस योजना के तहत सभी स्कूलों में टाइल्स, पीने का पानी, शौचालय, किचेन, ब्लैक बोर्ड आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। स्कूलों की बाउंड्री वाल बनवाने के साथ-साथ बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था की जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी प्राइमरी व उच्च प्राइमरी स्कूलों को ब्लॉक स्तर पर स्कूलों का डेवलपमेंट प्लान तैयार करने का निर्देश दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद प्रदेश के सभी विकास खंडों के स्कूलों का नए सिरे से सर्वे का काम शुरू हो गया है। सरकारी स्कूलों में सुविधाओं की स्थिति का आंकलन कर उसकी रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है ताकि स्कूलों को सुविधाएं दी जा सकें।
चौंकाने वाले आंकड़े
बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में उपरोक्त सुविधाएं पहले से हैं। इतना ही नहीं तमाम प्राइमरी स्कूल ऐसे भी हैं जो कई मामलों में कॉन्वेंट स्कूलों को भी मात दे रहे हैं। हालांकि, इस बीच एक अखबार की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। इसके मुताबिक, अकेले लखनऊ जिले में ही 234 ऐसे स्कूल हैं, जहां शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा 260 स्कूलों में बालकों के लिए और 240 स्कूलों में बालिकाओं के लिए शौचालय नहीं हैं।
बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में उपरोक्त सुविधाएं पहले से हैं। इतना ही नहीं तमाम प्राइमरी स्कूल ऐसे भी हैं जो कई मामलों में कॉन्वेंट स्कूलों को भी मात दे रहे हैं। हालांकि, इस बीच एक अखबार की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। इसके मुताबिक, अकेले लखनऊ जिले में ही 234 ऐसे स्कूल हैं, जहां शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा 260 स्कूलों में बालकों के लिए और 240 स्कूलों में बालिकाओं के लिए शौचालय नहीं हैं।