राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि मिशन शक्ति के तहत जरूरतमंद परिवार के बच्चों को श्रमिक विद्या योजना से जोड़ा जाएगा। अभियान के तहत प्राथमिक स्कूलों में बच्चों का दाखिला कराया जाएगा, अभिभावकों की भी काउंसिलिंग की जाएगी। आर्थिक तौर पर सहायता देने के उद्देश्य से परिवार की महिलाओं को कौशल विकास योजना से तो पुरुषों को मनरेगा से जोड़कर उनको रोजगार की मुख्यधारा से लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बाल भिक्षावृत्ति से जुड़े अब तक प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगभग 2500 चिन्हित किये जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए इस अभियान में पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, विशेष पुलिस इकाई, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, एएचटीयू, जीआरपी, श्रम, विधिक सेवा, बाल कल्याण समिति व जिला प्रशासन समेत प्रदेश की एनजीओ मिलकर काम कर रहे हैं।