योगी के 4 साल: बड़ी तादाद में रोजगार देने का दावा, विपक्ष के तीखे तीर
– योगी सरकार के चार साल
– चार सालों में रोजगार देने पर सबसे ज्यादा रहा जोर
– रोजगार के विभागीय आंकड़े जारी
– विपक्ष का योगी सरकार पर रोजगार के मुद्दे पर प्रहार
योगी के 4 साल: बड़ी तादाद में रोजगार देने का दावा, विपक्ष के तीखे तीर
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को 19 मार्च, 2021 को चार साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में जहां एक ओर योगी सरकार अलग-अलग मुद्दों पर अपनी पीठ थपथपाती नजर आ रही है, तो वहीं विपक्षी दल के नेता कामकाज के आंकलन पर योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। पिछले चार सालों में योगी सरकार का सबसे ज्यादा जोर रोजगार पर रहा है। योगी सरकार का दावा है कि उनकी सरकार ने चार साल में चार लाख नौकरियां दी हैं। इसमें लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से घर लौटने वाले लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देना उनकी बड़ी उपलब्धियों में से एक है। इसी तरह एमएसएमई सेक्टर में पिछले चार सालों में 50 लाख से ज्यादा नई इकाइयां स्थापित कर लोगों को रोजगार से जोड़ा गया है। निजी क्षेत्र में भी लाखों लोगों को रोजगार देने का दावा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किया है। उधर, रोजगार के मुद्दे पर विपक्षी दल के नेता ने योगी सरकार पर तीखा प्रहार किया है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बीते चार वर्षों में लोगों को नौकरी दिए जाने को लेकर विभागावार आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस ने खारिज किया है।
योगी सरकार के कामकाज के आंकलन के जरिये विपक्ष 2022 के चुनाव को लेकर सरकार को टारगेट करने में जुटा है। लोक संकल्प पत्र के वादे में बीजेपी ने जितने रोजगार के सपने दिखाए थे, वह कहां तक पूरे हुए इसे लेकर जवाब के तौर पर सरकार ने विभागावार आंकड़े जारी किए हैं।
यूपी में विभागवार भर्तीपुलिस विभाग : 137253बेसिक शिक्षा : 121000राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन : 28622 यूपी लोक सेवा आयोग : 27168 उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन बोर्ड : 19917
माध्यमिक शिक्षा विभाग : 14436चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण : 8556 यूपीपीसीएल : 6446उच्च शिक्षा : 4988सिंचाई एवं जल संसाधन : 3309 कृषि : 2059
चिकित्सा शिक्षा विभाग : 111आयुष : 1065 सहकारिता विभाग : 726नगर विकास : 700वित्त विभाग : 614तकनीकी शिक्षा : 365कुल : 390194
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में अव्वल देश में एक समय में उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य के रूप में जाना जाता था, लेकिन पिछले चार सालों सूबे की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। इसका नतीजा यह रहा कि चार साल के भीतर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की राष्ट्रीय रैंकिंग में 12 पायदान उछाल आया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में यूपी अब दूसरे पायदान पर आ गया है। इसे योगी सरकार की बड़ी उपलब्धियों के तौर पर देखा जा रहा है। यूपी 2015-16 में 10.90 लाख करोड़ की जीडीपी वाला राज्य था, जो कि अब 21.73 लाख करोड़ की जीडीपी के साथ देश में दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन कर उभरा है।
रोजगार पर विपक्ष के तीखे तीर रोजगार के आंकड़ों पर यूपी सरकार को घेरते हुए सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की अंधेर नगरी के चार साल चौपट राजा की तरह रहे हैं। सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह विफल रही है और जनता का हर वर्ग बुरी तरह त्रस्त रहा है। चार साल जैसा अंधेर कभी किसी ने न देखा न सुना होगा। अखिलेश ने कहा कि नौजवान को वोट के बदले लाठियां दी हैं। सरकारी विज्ञापनों और होर्डिंगों में ही रोजगार मिला है। आंकड़ों में प्रदेश में बेकारी दर 2018 में 5.92 प्रतिशत थी जो 2019 में 9.9 प्रतिशत हो गई। भाजपा सरकार समझती हैं कि वह अपने कुप्रचार से जनता को धोखा दे सकती है। वर्ष 2020-21 में सरकार ने अपना बेसुरा राग और विकृति के विज्ञापनों पर सैकड़ों करोड़ रुपये का सरकारी अपव्यय कर दिया।
ट्विटर पर ही बांटी नौकरी अखिलेश यादव की ही तरह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी यूपी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस महासचिव ने रोजगार के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि सिर्फ ट्विटर पर नौकरियां बांटी गई हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार का वादा करने वाली भाजपा सरकार में रोजगार की स्थिति- बेरोजगारी पिछले 45 साल के चरम पर, लाख सरकारी नौकरियों के पद खाली, भर्तियों, इम्तिहान, परिणाम और ज्वाइनिंग का नामोनिशान नहीं।”