छात्रों की ट्रेनिंग के बाद तत्काल मिलेगा रोजगार सीएम ने ये सारी बातें शनिवार को एसजीपीजीआई परिसर में मिशन निरामया अभियान का शुभारंभ करते हुए कहीं। जहां उन्होंने बताया कि प्रदेश के नर्सिंग व पैरा मेडिकल कॉलेजों में छात्रों की ट्रेनिंग के बाद उन्हें तत्काल रोजगार मिल सके, इसके लिए पांच नर्सिंग संस्थानों का अस्पतालों के साथ करार भी किया गया है। उन्होंने बताया कि आज के समय में नर्सिंग और पैरामेडिकल क्षेत्र शानदार अवसरों से भरा है। इसमें बहुआयामी सुधार के लिए ही मिशन निरामया अभियान का शुभारंभ किया गया है।
यह भी पढ़े – CM योगी आज करेंगे मिशन निरामया अभियान का शुभारंभ, नर्सिंग-पैरामेडिकल छात्रों को होगा लाभ 12 संस्थानों का चयन कर मेंटॉर बनाया जा रहा सीएम ने कहा कि मिशन निरामया से हमारा लक्ष्य नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप करना है। क्योंकि यहां गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण नहीं होने के कारण ही ये परिणाम है कि नर्सिंग स्टाफ के लिए राज्य सरकार ने 4700 पदों पर भर्ती निकाली लेकिन आवेदन 1 लाख 2 हजार के पास आए, जिसमें सिर्फ 3 फीसदी लोग ही पास हुए। जबकि नियुक्ति लायक 2200 ही मिले। उन्होंने बताया कि 12 संस्थानों का चयन कर उन्हें मेंटॉर बनाया जा रहा है। यह संस्थान अन्य नर्सिंग कॉलेजों को बेहतर होने के लिए मार्गदर्शन कराएंगे।
मिशन निरामया के तहत इन कॉलेजों का चयन बता दें कि मेंटॉर के तौर पर रुहेलखंड कॉलेज ऑफ नर्सिंग, बरेली, यूपीयूएमएस, फैकल्टी ऑफ नर्सिंग, सैफई इटावा, शारदा स्कूल ऑफ नर्सिंग साइंस जीबी नगर नगर, कॉलेज ऑफ नर्सिंग, जीएसवीएम कानपुर, बाबा इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस एंड नर्सिंग, लखनऊ, फैकल्टी ऑफ नर्सिंग, सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ, हिलेरी क्लिंटन नर्सिंग स्कूल, सहारनपुर, एलएलआरएम, मेरठ, गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, गोरखपुर, एसडीपीएम कॉलेज ऑफ नर्सिंग, गोंडा, आईआईएमटी, मेरठ और नाइटिंगेल इंस्टीट्यूट ऑफ़ नर्सिंग, नोएडा का चयन किया गया है।