पूर्वांचल व बुंदेलखंड विकास बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एलान किया कि उन किसानों के खाते में सरकार 30 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पैसे भेजेगी, जो कम से कम दो निराश्रित गायों की देखभाल करेंगे। यह राशि हर महीने सीधे किसानों के खाते में पहुंचेगी। राज्य सरकार की यह योजना पूरे प्रदेश में एक साथ लागू की जाएगी। माना जा रहा है कि सरकार की इस योजना के बाद किसान निराश्रित गौवंश का छोड़ने से परहेज करेंगे। इससे प्रदेश के किसानों को छुट्टा जानवरों की समस्या से निजात मिलेगी।
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गौसेवा आयोग देगा प्रमाण पत्र, तभी गाय को एक जिले से दूसरे जिले ले जा सकेंगे
गौसेवा आयोग देगा प्रमाण पत्रगौवंश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने से पहले अब गौसेवा आयोग से प्रमाण पत्र लेना जरूरी होगा। सीएम कार्यालय से जारी बयान में इसकी जानकारी देते हुए कहा गया कि गौवंश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने से पहले संबंधित को गौसेवा आयोग से प्रमाण पत्र लेना होगा। गौवंश अपने स्थान पर सुरक्षित पहुंच जाएं, इसकी जिम्मेदारी भी गौसेवा आयोग के कंधों पर रहेगी।
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गौरक्षा के लिए दिए 631.60 करोड़उत्तर प्रदेश (Yogi Adityanath) देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां गोवंश की रक्षा के लिए सबसे अधिक बजट का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2019-20 के लिए पेश किए बजट में गोवंश कल्याण के लिए विभिन्न मदो में करीब 631 करोड़ 60 लाख रुपए की व्यवस्था की गयी है। इनमें ‘गौ कल्याण उपकर’, गौशालाओं के निर्माण (247.60 करोड़), बेसहारा पशु आश्रय योजना (200 करोड़) और कांजी हाउस के पुनर्निर्माण (20 करोड़ रुपए) रुपए शामिल हैं। इससे अलावा योगी सरकार (UP Government) ने प्रदेश के सभी नगर निगमों को गोशाला और आवारा पशुओं के लिए आश्रय स्थल बनाने के लिए 10-10 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। इसके पहले सभी 75 जिलों में गौवंशों के आश्रय स्थल के लिए 1.2 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी। इस मद में कुल 90 करोड़ रुपए जारी हुए थे। पिछले वर्ष, राज्य के 653 शहरी निकायों में से 69 को नई गौशालाओं के निर्माण के लिए प्रत्येक निकाय को 10 लाख रुपये से 30 लाख रुपये की धनराशि जारी की गई थी।