लखनऊ

आवारा जानवरों को लेकर एक्शन में योगी सरकार, 2 महीनों तक पकड़े जाएंगे छुट्टा जानवर

उत्तर प्रदेश सरकार ने छुट्टा जानवरों की समस्या से निपटने के लिए कई बार कार्ययोजना बनाई, लेकिन अभी तक यह समस्या बनी हुई है। वहीं, इसको लेकर विपक्ष भी सरकार को कटघरे में खड़ा करता रहता है। अब एक बार फिर छुट्टा जानवरों से लोगों को निजात दिलाने के लिए सरकार ने आज से अभियान शुरू किया है।

लखनऊNov 01, 2023 / 01:07 pm

Anand Shukla

1 नवंबर से 31 दिसंबर तक योगी सरकार आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान चलाएगी।

उत्तर प्रदेश में आवारा पशु किसान लोगों के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं। हालांकि, प्रदेश सरकार छुट्टा जानवरों से निपटने के लिए कई तरह के योजना भी बनाई है। लेकिन ये समस्या हल नहीं हो रही है। इन आवारा जानवरों की वजह से एक तरफ जहां आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। वहीं दूसरी तरफ फसलों को भी यह जानवर काफी नुकसान पहुंचाते हैं। इसके चलते किसानों काफी नुकसान होता रहता है। अब योगी सरकार 1 नवंबर से छुट्टा पशुओं को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाने जा रही है।
इस अभियान के मद्देनजर सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और पशुपालन विभाग को निर्देश जारी कर दिया है। इस निर्देश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दिनांक 1 नवंबर 2023 से दिनांक 31 दिसंबर 2023 तक विशेष अभियान चलाकर निराश्रित गोवंशों के शत प्रतिशत संरक्षण की प्रक्रिया पूरी की जाए।
2 लाख गोवंशों किया जाएगा संरक्षित
सरकार के आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में अब तक 12 लाख से अधिक निराश्रित गोवंशों को प्रदेश के अलग- अलग जिलों में बनाए गए गोवंश संरक्षण केन्द्रों में संरक्षित किया गया है। हालांकि, सरकार को अनुमान है कि अभी तकरीबन सवा दो लाख से ज्यादा आवारा गोवंश इधर – उधर घूम रहे हैं। इन गोवंशों को संरक्षित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
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इस तरह चलाया जाएगा अभियान
उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र द्वारा 31 अक्टूबर 2023 के पत्र जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि शासन स्तर पर विचार विमर्श के बाद प्रदेश व्यापी गौ संरक्षण अभियान चलाए जाने का निर्णय लिया गया है। यह अभियान 60 दिनों तक प्रत्येक जिले में चलाया जाएगा। इस अभियान में पंचायती राज विभाग, ग्राम विकास विभाग, राजस्व विभाग, नगर विकास विभाग, गृह विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।

इसके अलावा जरूरत पड़ने पर पुलिस का भी सहयोग लिया जाएगा। इस अभियान के तहत प्रत्येक जिले में विकासखंड और तहसील स्तर पर इन विभागों की टीम निराश्रित गौवंशों को आश्रय स्थलों में संरक्षित करेंगी। नगरीय क्षेत्र में स्थानीय निकायों के प्रभारी अधिकारी और नगर आयुक्त द्वारा इस अभियान का नेतृत्व किया जाएगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाए जाने का निर्देश दिया गया है।

अस्थाई गौआश्रय स्थलों का किया जाएगा निर्माण
शासन द्वारा जारी पत्र में निर्देश दिया गया है कि जहां पर अस्थाई गौआश्रय स्थल का निर्माण नहीं हो पाया है। वहां पर अस्थाई गौआश्रय स्थलों का निर्माण कर लिया जाए। साथ ही साथ और अस्थाई गौआश्रय स्थलों की क्षमता का भी विस्तार किया जाए। इस अभियान के दौरान शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सभी जिलों में दौरा किया जाएगा और हालात का जायजा लिया जाएगा। इस अभियान की प्रगति की साप्ताहिक रिपोर्ट भी शासन को भेजी जाएगी।

पहले भी सरकार चला चुकी है अभियान
योगी सरकार प्रदेश में छुट्टा गोवंशों की संरक्षण के लिए सैकड़ों की तादाद में स्थाई और अस्थाई गौ आश्रय बनाए गए हैं। इनमें लाखों छुट्टा गोवंशों को रखा गया है। इधर-उधर घूम रहे गोवंशों के संरक्षण को लेकर योगी सरकार द्वारा समय-समय पर विशेष अभियान भी चलाया जाता रहा है। उनको पकड़कर गौ-आश्रयों में रखने की प्रक्रिया भी लगातार जारी है। इसके बावजूद प्रदेश में आवारा जानवरों की समस्या बनी हुई है।
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