गुणवत्ता पर उठते थे सवाल अभी तक साढ़े चार वर्षों में हर स्कूली बच्चे को दो यूनिफॉर्म, बैग-बुक्स सफलतापूर्वक उपलब्ध कराया गया है। बेसिक शिक्षा में अध्ययन करने वाले बच्चों को जूते और मोजे भी दिए गए हैं। बहुत सारे बच्चे भीषण ठंड में बिना स्वेटर के स्कूल आते थे। जो स्वेटर मिल भी जाए तो उनकी गुणवत्ता पर सवाल उठते थे। ऐसे में सरकार ने यह तय किया कि अभिभावकों को सीधे पैसा दिया जाए, जिससे वह अच्छे कपड़े और जूते मोजे खरीद सकें। इससे शिक्षा विभाग पर जो भ्रष्टाचार का आरोप लगता है, उससे भी बचा जा सकेगा।
60 लाख बच्चों के अभिभावक बचे योगी सरकार ने आधे से ज्यादा अभिभावकों के खाते में धनराशि भेज दी है। अब 60 लाख बच्चे ऐसे हैं जिनके अभिभावकों के खाते में पैसे भेजना बाकी है। उनके अभिभावकों के बैंक खातों की जांच कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही उनके भी खाते में पैसा ट्रांसफर कर दिया जाएगा।