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धनखड़ ने अपने संबोधन में कहा, “योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में 360 डिग्री का बदलाव आया है। राज्य में सुशासन और आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ तेजी से औद्योगिक विकास हो रहा है।” इस बदलाव का असर केवल बड़े शहरों पर नहीं, बल्कि राज्य के छोटे और पिछड़े इलाकों जैसे बुंदेलखंड और पूर्वांचल पर भी पड़ा है।नोएडा और ग्रेटर नोएडा का औद्योगिक विकास
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक विकास ने राज्य के आर्थिक परिवेश को पूरी तरह से बदल दिया है। इन क्षेत्रों में कई मल्टीनेशनल कंपनियों और कारपोरेट दफ्तरों ने निवेश किया है। इसके अलावा, यमुना विकास प्राधिकरण और जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण इन क्षेत्रों को और भी अधिक औद्योगिक रूप से सक्षम बनाएगा। जेवर एयरपोर्ट के चालू होने से इस क्षेत्र में विकास की गति और तेज हो जाएगी। यह क्षेत्र भविष्य में देश-विदेश के निवेशकों के लिए प्रमुख निवेश गंतव्य बन सकता है। यह भी पढ़ें
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बुंदेलखंड और पूर्वांचल में विकास की नई राह
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड और पूर्वांचल इलाकों का भी खास ध्यान रखा जा रहा है। बुंदेलखंड सोलर एनर्जी हब के रूप में उभर रहा है, और डिफेंस कॉरिडोर यहां के औद्योगिक माहौल को और बढ़ावा दे रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर और झांसी के बीच एक 36,000 एकड़ का विशाल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की योजना बनाई है, जिसे बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीआईडीए) के तहत शुरू किया जा चुका है। यह भी पढ़ें
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इसके अलावा, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं से इन क्षेत्रों के विकास को गति मिल रही है। विशेष रूप से गोरखपुर में एक नया इंडस्ट्रियल सिटी स्थापित किया जा रहा है, जहां 5500 एकड़ में औद्योगिक गतिविधियाँ बढ़ाई जाएंगी। इससे यह इलाका भविष्य में पटना और काठमांडू के बीच व्यापार और निवेश का प्रमुख केंद्र बन सकता है।एससीआर और लखनऊ का औद्योगिक हब बनना
लखनऊ के आस-पास पांच जिलों को मिलाकर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) का गठन किया गया है। इस क्षेत्र में कई परियोजनाओं जैसे टेक्सटाइल पार्क, आईटी पार्क, और डेटा सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। आने वाले वर्षों में, लखनऊ का एससीआर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से मुकाबला करने की क्षमता रखेगा। यह भी पढ़ें
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इसके अलावा, लखनऊ अमौसी इंडस्ट्रियल एरिया में 40 एकड़ में आईटी पार्क और इनक्यूबेशन सेंटर बनाने से प्रदेश की राजधानी भी औद्योगिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बन जाएगी। यह परियोजनाएँ लखनऊ को हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेंगी और राज्य के समग्र औद्योगिक विकास को और सशक्त बनाएंगी।विशेष प्रोत्साहन योजनाएं और औद्योगिक विकास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों, विशेष रूप से बुंदेलखंड और पूर्वांचल के औद्योगिक विकास के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएं लागू की हैं। इन योजनाओं के तहत सरकार इन क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी में सुधार कर रही है ताकि निवेशकों के लिए ये इलाके आकर्षक बन सकें। इसके तहत बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं का विकास हो रहा है। इसके साथ ही, झांसी और कानपुर के बीच औद्योगिक गतिविधियां तेज़ की जा रही हैं।यूपी सरकार की निवेश नीति
उत्तर प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों में बदलाव और सुधार ने राज्य को निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना दिया है। सरकार ने निवेशकों के लिए सुरक्षा, सुशासन, और बेहतर कनेक्टिविटी की गारंटी दी है। योगी सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश आज औद्योगिक और विकास के नए रास्तों पर अग्रसर है, जो पूरे देश में एक आदर्श बन चुका है। यह भी पढ़ें