राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के बाढ़ग्रस्त इलाकों में लगातार क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे किया जा रहा है। जिससे किसानों को समय से मुआवजा मिल सके। उन्हाेंने बताया कि नेपाल और पहाड़ी क्षेत्रों से छोड़े गए पानी से प्रदेश के 18 जिलों की 82126.50 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई। वहीं, सर्वे के दौरान 29,243.74 हेक्टेयर क्षतिग्रस्त फसल पाई गई।
बाढ़ से 1,57,444 किसानों की हुई फसल प्रभावित
राहत आयुक्त ने बताया कि बाढ़ से 1,57,444 किसानों की फसल प्रभावित हुई। जबकि अब तक लेखपाल द्वारा 1,56,952 किसानों को सहायता धनराशि देने के लिए पोर्टल पर फीड किया जा चुका है। इसी के आधार पर अब तक 1,25,521 किसानों को 71.01 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। बचे हुए किसानों की फीडिंग का काम चल रहा है। सबसे अधिक लखीमपुर के 88546 किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है। इसके तहत भुगतान के लिए अब तक 88544 किसानों की फीडिंग पोर्टल पर की जा चुकी है। वहीं 70,691 किसानों को 47 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इसी तरह सिद्धार्थनगर 19805 किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है। सभी किसानों की फीडिंग पोर्टल पर की जा चुकी है। जबकि 15478 किसानों को 7.70 करोड़ का भुगतान हो चुका है। वहीं हरदोई के 18010 किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है। सभी किसानों की फीडिंग पोर्टल पर की जा चुकी है। 14673 किसानों को 5.42 करोड़ रुपए का मुआवजा मिल चुका है।
लाभार्थी किसानों की लिस्ट तहसील पर की जाएगी चस्पा
सरकार की ओर से किसानों को क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा दे दिया जाता है, लेकिन किसानों द्वारा लोन के बकाए समेत अन्य बकाए की वजह से मुआवजे की धनराशि खाते में पहुंचते ही कट जाती है। इससे किसानों को यह नहीं पता चल पाता कि उन्हे क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा मिला है या नहीं। इसे पता करने के लिए वह तहसील के चक्कर लगाते हैं। ऐसी परिस्थिति न हो, इसके लिए योगी सरकार ने तहसील पर क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा प्राप्त करने वाले किसानों की लिस्ट चस्पा किया जाएगा। इसके साथ ही तहसील में एक निश्चित दिन जिन-जिन किसानों को मुआवजा दिया गया है उनके नाम एनाउंस किए जाएंगे।
वहीं सरकार की ओर से ऐसे किसानों की भी लिस्ट एनाउंस की जाएगी, जिन्हे मुआवजा नहीं दिया गया। इस दौरान मुआवजा न देने की वजह भी बताई जाएगी। बता दें कि सरकार की ओर से बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और बाढ़ से क्षतिग्रस्त 33 प्रतिशत से अधिक फसल के नुकसान पर ही मुआवजा दिया जाता है।