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मुख्यमंत्री को सौंपी रिपोर्ट उन्होंने बताया कि 27 दिसंबर को उच्च न्यायालय का आदेश आया था, जिसके अगले ही दिन 28 दिसंबर को प्रदेश सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय ‘उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग’ का गठन किया। आयोग को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए छह माह का समय दिया गया था। आयोग ने आधे से भी कम समय में अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी है। इस रिपोर्ट को मंत्रिपरिषद की ओर से स्वीकार कर लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर आगे बढ़ेंगे
मंत्री एके शर्मा ने बताया राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट भी गई थी। मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में सबजूडिस है और इस पर अगली सुनवाई आगामी11 अप्रैल को होनी है।
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ऐसे में आयोग की रिपोर्ट को सरकार की ओर से अगले दो दिन के अंदर सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार ही हम इसमें आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग को सम्पूर्ण आरक्षण देने के लिए पहले भी प्रतिबध थी और आगे भी इसमें कोई दिक्कत होती नहीं दिख रही है। —