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1. राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोहमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में दिव्यांगजनों और दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यरत 19 संगठनों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया। ये संगठन दिव्यांगजनों के अधिकारों और उनके पुनर्वास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं।
2. 46 मेधावी छात्रों को सम्मान
राज्य सरकार ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में शानदार प्रदर्शन करने वाले 46 दिव्यांग छात्रों को प्रोत्साहन के तौर पर सम्मानित किया। इसके साथ ही, ‘ओ लेवल’ कंप्यूटर कोर्स पूरा करने वाले 28 दिव्यांग छात्रों को विशेष सम्मान दिया गया।
राज्य सरकार ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में शानदार प्रदर्शन करने वाले 46 दिव्यांग छात्रों को प्रोत्साहन के तौर पर सम्मानित किया। इसके साथ ही, ‘ओ लेवल’ कंप्यूटर कोर्स पूरा करने वाले 28 दिव्यांग छात्रों को विशेष सम्मान दिया गया।
3. डिजिटल सशक्तिकरण: 324 छात्रों को टेबलेट
कार्यक्रम में 324 दिव्यांग छात्रों को टेबलेट वितरित किए गए। राज्य सरकार ने इस साल कुल 3,363 छात्रों को टेबलेट देने का लक्ष्य रखा है। इसका उद्देश्य दिव्यांग छात्रों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है।
कार्यक्रम में 324 दिव्यांग छात्रों को टेबलेट वितरित किए गए। राज्य सरकार ने इस साल कुल 3,363 छात्रों को टेबलेट देने का लक्ष्य रखा है। इसका उद्देश्य दिव्यांग छात्रों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है।
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4. सहायक उपकरणों का वितरणदिव्यांगजनों के जीवन को सुगम बनाने के लिए 40 सहायक उपकरण वितरित किए गए। इन उपकरणों में व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र और अन्य विशेष उपकरण शामिल हैं। 5. दिव्यांग पेंशन में बढ़ोतरी
सरकार ने दिव्यांग पेंशन को ₹300 से बढ़ाकर ₹1,000 प्रति माह कर दिया है। इसके अलावा, कुष्ठावस्था पेंशन को ₹2,500 से बढ़ाकर ₹3,000 प्रति माह किया गया।
6. बचपन डे केयर सेंटर और विशेष विद्यालयों का विस्तार
2017 में प्रदेश में केवल 10 बचपन डे केयर सेंटर थे। अब इनकी संख्या बढ़ाकर 25 कर दी गई है। आने वाले समय में प्रत्येक जिले में ऐसे केंद्र खोलने का लक्ष्य है। इसके साथ ही, 20 नए विशेष विद्यालयों की स्थापना की जा रही है, जिससे दिव्यांग छात्रों को विशेष शिक्षा मिल सके।
2017 में प्रदेश में केवल 10 बचपन डे केयर सेंटर थे। अब इनकी संख्या बढ़ाकर 25 कर दी गई है। आने वाले समय में प्रत्येक जिले में ऐसे केंद्र खोलने का लक्ष्य है। इसके साथ ही, 20 नए विशेष विद्यालयों की स्थापना की जा रही है, जिससे दिव्यांग छात्रों को विशेष शिक्षा मिल सके।
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7. शादी प्रोत्साहन योजना में बड़ा कदमदिव्यांग शादी प्रोत्साहन योजना के तहत नवविवाहित दिव्यांग जोड़ों को ₹35,000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है। अब शादी के पंजीकरण की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया गया है।
8. कॉक्लियर इम्प्लांट योजना
दिव्यांगजनों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए कॉक्लियर इम्प्लांट के लिए ₹6 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। यह कदम सुनने की क्षमता में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।
दिव्यांगजनों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए कॉक्लियर इम्प्लांट के लिए ₹6 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। यह कदम सुनने की क्षमता में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।
9. पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की पहल
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने बेटियों की शादी के लिए अनुदान राशि में वृद्धि की है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आय सीमा को बढ़ाकर ₹1 लाख कर दिया गया है। अब तक 49,409 लाभार्थियों के खातों में ₹98.82 करोड़ की धनराशि ट्रांसफर की गई है।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने बेटियों की शादी के लिए अनुदान राशि में वृद्धि की है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आय सीमा को बढ़ाकर ₹1 लाख कर दिया गया है। अब तक 49,409 लाभार्थियों के खातों में ₹98.82 करोड़ की धनराशि ट्रांसफर की गई है।
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10. दिव्यांग विश्वविद्यालय: प्रदेश की अनूठी पहलउत्तर प्रदेश देश का इकलौता राज्य है जहां दो दिव्यांग विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। ये विश्वविद्यालय दिव्यांगजनों को उच्च शिक्षा और रोजगार के लिए तैयार कर रहे हैं।
सरकार की उपलब्धियां
दिव्यांग सशक्तिकरण में अग्रणी राज्य उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। यह भी पढ़ें