अधिकारियों के अनुसार योगी सरकार ने उन 106 जूनियर इंजीनियरों को डिमोट किया है, जिनको अखिलेश यादव की सरकार में गलत तरीके से प्रोमोशन मिला था। दरअसल 2013 में तत्कालीन अखिलेश सरकार ने 106 जूनियर इंजीनियरों को डिप्लोमा के आधार पर प्रोमोट किया था। इन सभी इंजीनियरों को नियमों के विरुद्ध डिप्लोमा के आधार पर प्रोमोशन दिया गया था जो गलत था। रिव्यु कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार द्वारा ये निर्णय लिया गया है। सभी 106 इंजीनियर्स को दोबारा से उसी पोस्ट पर कर दिया गया।
यह भी पढ़े – तेज रफ्तार बस खाईं में पलटी, छह की मौत, तीन दर्जन घायल, गांवों में शोक की लहर रिव्यू कमेटी ने की जांच सभी इंजीनियरों की जांच एक रिव्यू कमेटी द्वारा की गई थी। टीम ने जांच कर अपनी रिपोर्ट लोक निर्माण विभाग को सौंपी। लोक निर्माण विभाग ने ये रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ही इस रिपोर्ट को देखा और फिर 106 जूनियर इंजीनियर्स को डिमोट कर दिया।
यह भी पढ़े – कोरोना के बदल रहे लक्षण, संक्रमितों की बढ़ती संख्या में क्या फिर से लग सकता लॉकडाउन एक्शन में मुख्यमंत्री दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ दिन बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया और सोनभद्र के जिला अधिकारी को सस्पेंड कर दिया था। औरैया जिला अधिकारी सुनील वर्मा के खिलाफ भ्रस्टाचार की शिकायतें आई थीं, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने ये कड़ा फैसला लिया था। वहीं, सोनभद्र के जिला अधिकारी टीके शिबू और गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पवन कुमार को भी सीएम योगी ने सस्पेंड कर दिया था। इससे यह साबित होता है कि योगी सरकार अधिकारियों कारगुजारियां और ढीलापन बर्दाश्त नहीं करेगी।