सरकार की तरफ से बताया गया है कि यूपी में 74 हजार से ज्यादा निगरानी समितियां गांव-गांव जाकर संक्रमितों की पहचान कर रही हैं। इन समितियों में आशा, आंगनबाड़ी और एनएनएम कर्मचारियों को शामिल किया जाता है। यह लोग संदिग्ध मामलों को पहचानने, जांच को बढ़ाने और इलाज उपलब्ध करवाने का काम करते हैं। इन कमेटियों को ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर भी दिए गए हैं।
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गांवों-कस्बों पर विशेष फोकस : नवनीत सहगल
यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने बताया कि शहरों और कस्बों में ज्यादा से ज्यादा आरटी-पीसीआर टेस्ट कराए जा रहे हैं, इसके अलावा विशेष सैनिटाइजेशन अभियान भी चलाया जा रहा है और लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और सफाई रखने जैसी बातें बताई जाती हैं।