सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के एनडीए (NDA) में शामिल होने के बाद से ही योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई थीं। उसके बाद फिर दारा सिंह चौहान भी समाजवादी पार्टी छोड़ भाजपाई हो गए थे। बीजेपी ने उनको घोसी सीट पर उपचुनाव भी लड़ाया। लेकिन इसमें भी दारा सिंह को हार भी झेलनी पड़ी थी। मगर पार्टी नेतृत्व ने उपचुनाव में हारने के बावजूद दारा सिंह को विधान परिषद भेज दिया। मगर अभी तक इन दोनों नेताओं का योगी कैबिनेट में शामिल होने का इंतजार खत्म नहीं हो पाया है। जानकारों का कहना है कि आरएलडी से अंदरखाने चल रही बातचीत के चलते मंत्रिमंडल विस्तार को टाला गया था।
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आरएलडी को लेकर अब स्थिति साफ हो चुकी है। राज्यसभा में जयंत चौधरी से लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा में आरएलडी के विधायक भी सत्ता पक्ष बीजेपी के साथ जा खड़े हुए हैं। ऐसे में अब कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं फिर तेज हो गई हैं। सूत्रों की मानें तो इसी माह यह विस्तार हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि आरएलडी को भी योगी मंत्रिमंडल में शामिल करने के साथ ही एक कैबिनेट मंत्री का पद मिल सकता है। हालांकि चर्चा एक राज्यमंत्री पद को लेकर भी है।
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कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं के बीच कई मौजूदा मंत्रियों की धड़कनें भी तेज हो चली हैं। किसी मंत्री को कुर्सी छीनने तो किसी को विभाग बदलने का डर सता रहा है। ऐसे में सभी मंत्री अपनी कुर्सी सुरक्षित करने के फेर में लग गए हैं। वहीं दूसरी तरफ एकाध मंत्री अच्छा मंत्रालय पाने की जुगत में भी जुटे हैं। कई नेताओं और मंत्रियों की दिल्ली की आवा-गमन भी इन दिनों खासी बढ़ गई है। वहीं पार्टी से जुड़े कुछ नेताओं का यह भी कहना है कि कैबिनेट में बड़ा बदलाव तो लोकसभा चुनाव 2024 के बाद ही होगा। फिलहाल कुछ लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।