शून्य से शिखर तक पहुंचने का सफर उत्तर प्रदेश सरकार में तीसरी बार कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी शून्य से शिखर तक पहुंचने वाले नेताओं में से हैं। बचपन में आर्थिक तंगी के कारण उनका जीवन कठिनाइयों में गुजरा। नंदी के पिता सुरेश चंद्र डाक विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे, जबकि मां विमला देवी सिलाई, बुनाई करती थीं। परिवार की स्थिति ठीक न होने की वजह से बचपन में वह पटाखा, रंग-गुलाल की दुकान लगाते थे। इसके बाद नंदी ने 1992 में मिठाई की दुकान खोली। बाद में उन्होंने एक ट्रक लिया और घी एवं दवाओं की एजेंसी भी ले ली। 1994 में एक रिश्तेदार के साथ मिलकर ईंट भट्टे का कारोबार किया। आर्थिक स्थिति ठीक होने पर नंदी ने अपनी खुद की कंपनी नंदी ग्रुप ऑफ कंपनीज बनाई। छोटे से व्यवसाय से अपनी जिंदगी की गाड़ी को आगे बढ़ाने वाले नंद गोपाल गुप्ता नंदी बीजेपी की सरकार में औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई निवेश प्रोत्साहन मंत्री हैं।
यह भी पढ़ें –
होमगार्ड अब भुगतान के लिए दूसरों पर नहीं रहेंगे निर्भर, होमगार्ड विभाग सीधे देगा वेतन भत्ता राजनीतिक सफर में उन्होंने 2007 में बहुजन समाज पार्टी के लिए विधानसभा में इलाहाबाद विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित थे। बाद में 2017 में उत्तर प्रदेश की बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार में पंजीयन न्याय शुल्क और नागरिक उड्डयन मंत्री थे। वर्तमान में वे भारतीय जनता पार्टी के विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।
यह भी पढ़ें –
यूपी: 52 पीसीएस अफसर किए गए इधर से उधर, गोरखपुर, प्रयागराज, लखनऊ को नए SDM दो बार महापौर हैं पत्नी अभिलाषा मंत्री नंदी की पत्नी अभिलाषा गुप्ता दो बार प्यागराज से महापौर हैं। पहली बार वह 2012 में चुनाव जीतकर प्रयागराज की मेयर बनीं। इसके बाग 2017 में भी उन्होंने मेयर का चुनाव जीता।