2. छत्रपाल सिंह गंगवार- राज्यमंत्री
3. पलटूराम- राज्यमंत्री
4. डॉ. संगीता बलवंत बिंद – राज्यमंत्री
5. संजीव कुमार उर्फ संजय गोंड- राज्यमंत्री
6. दिनेश खटीक- राज्यमंत्री
7. धर्मवीर सिहं प्रजापति- राज्यमंत्री
19 मार्च 2017 को सरकार गठन के बाद 22 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था। उस दौरान मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे। कोरोना के चलते तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है। हाल ही में राज्यमंत्री विजय कुमार कश्यप की मौत हुई थी, जबकि कोरोना की पहली लहर में मंत्री चेतन चौहान और मंत्री कमल रानी वरुण नहीं रहीं।
आठ जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में यूपी को खास तवज्जो दी गई थी। इसमें जातीय गणित पर साधने का प्रयास किया गया था। यूपी से बनाए गए सात नए मंत्रियों में चार ओबीसी, दो दलित और एक ब्राह्मण समाज के थे। मोदी के कैबिनेट में यूपी का मजबूत प्रतिनिधित्व है। यह पहली बार है जब केंद्रीय कैबिनेट में यूपी से रिकॉर्ड 15 मंत्री बनाए गए हैं।
जानें- कौन हैं बीजेपी विधायक संगीता बलवंत बिंद
जितिन प्रसादहाल ही कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद (47) को मंत्रिमंडल में शामिल किया है। यूपी चुनाव में ब्राह्मणों को रिझाने के लिए जितिन प्रसाद को मंत्रीपद से नवाजा गया है।
कुर्मी नेता छत्रपाल गंगवार (65) बरेली की बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। केंद्रीय मंत्री रहे संतोष गंगवार की जगह को भरने के लिए उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। धर्मवीर सिंह प्रजापति
मूलरूप से हाथरस जिले के निवासी धर्मवीर प्रजापति यूपी विधान परिषद के सदस्य हैं। वर्तमान में यूपी माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष हैं। ओबीसी नेता के तौर पर उन्हें प्रमोट किया गया।
बीजेपी विधायक डॉ. संगीता बलवंत बिंदस (42) ओबीसी समुदाय से आती हैं। वर्तमान में गाजीपुर सदर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक हैं। अपने क्षेत्र में यह काफी लोकप्रिय भी हैं। आगामी चुनाव को देखते हुए इनकी भूमिका काफी अहम हो सकती है।
गोंडा जिले के मूल निवासी दलित नेता पलटू राम बलरामपुर सुरक्षित सीट से भाजपा के विधायक हैं। भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह से राजनीति का ककहरा सीखने वाले पोस्ट ग्रेजुएट पलटूराम को प्रखर वक्ता के रूप में जाना जाता है।
दलित नेता दिनेश खटीक मेरठ की हस्तिनापुर सीट से भाजपा विधायक हैं। 2017 में वह पहली बार विधायक चुने गये थे। पश्चिमी यूपी में दलित वोटर्स को लाने की जिम्मेदारी इन पर होगी।
संजीव कुमार उर्फ संजय गोंड़ अनुसूचित जनजाति से भाजपा के एकमात्र विधायक हैं। 2017 में सोनभद्र की ओबरा विस क्षेत्र से वह पहली बार विधायक बने। अनुसूचित जनजाति मोर्चे के अध्यक्ष भी हैं। पूर्वांचल के कई जिलों में अच्छी तादाद में मौजूद गोंड़ जाति को साधने के लिए भाजपा ने उन्हें मंत्री बनाया है।