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विपक्ष के पीडीए फॉर्मूले को चुनौती देने की तैयारी
यह कदम उस समय उठाया गया है जब भाजपा विपक्ष के पीडीए फॉर्मूले (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वोट बैंक) को चुनौती देने के लिए तैयार है। भाजपा इन उपचुनावों को हाल के लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद बने भ्रम को दूर करने के अवसर के रूप में देख रही है। इसी उद्देश्य से पार्टी ने एक व्यापक रणनीति तैयार की है, जो जातीय समीकरणों और हर सीट की विशेषताओं पर आधारित होगी।उपचुनाव की टाइमलाइन और प्रमुख विधानसभा सीटें
उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 18 अक्टूबर से शुरू हो गई है, और 25 अक्टूबर नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है। नामांकन पत्रों की जांच 28 अक्टूबर को होगी और उम्मीदवार 30 अक्टूबर तक अपने नाम वापस ले सकेंगे। 13 नवंबर को मतदान होगा, और मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी। यह भी पढ़ें
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इस चुनाव में यूपी की 9 सीटों – कटेहरी, करहल, मीरापुर, कुंदरकी, फूलपुर, सीसामऊ, गाजियाबाद, मझवां और खैर में मतदान होना है। पार्टी ने इन सभी सीटों के लिए जातिगत समीकरणों के आधार पर रणनीति तैयार की है। सीएम योगी हर सीट पर दो जनसभाओं को संबोधित करेंगे।बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की सक्रिय भूमिका और संगठनात्मक ताकत
इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी जनसभाएं करेंगे। साथ ही, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे। धर्मपाल सिंह चुनाव प्रचार को गति देने के लिए संगठनात्मक बैठकों के अलावा लखनऊ स्थित प्रदेश मुख्यालय में बने ‘वॉर रूम’ का संचालन करेंगे। यह वॉर रूम पूरे चुनाव अभियान की निगरानी करेगा और नौ विधानसभा सीटों पर चल रहे प्रचार अभियान को नियंत्रित करेगा। यह भी पढ़ें