पिछले साल की तुलना में तीन गुना ज्यादा पौधरोपण
इस साल के शुरुआत में उप्र सरकार ने प्रयागराज कुंभ का ऐतिहासिक और सफल आयोजन किया था। इसकी वैश्विक सराहना हुई थी। इस महाकुंभ के बाद अब योगी सरकार ‘वृक्ष महाकुंभ’ मनाने जा रही है। इसका मकसद पर्यावरण संरक्षण और उप्र को हरियाली से आच्छादित करना है। इसके लिए लिए वन विभाग के सहयोग से सरकार हरियाली मैराथन का आयोजन करेगी। वन विभाग ने संकल्पित किया है इस साल पूरे प्रदेश में कुल 27 करोड़ पौधे रोपे जाएं। यह पौधे प्रदेश की कुल आबादी से कहीं अधिक होंगे। इसके साथ ही पिछले साल जितने पौधे रोपे गए थे उसकी तुलना में इस साल तीन गुना ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे। गौरततलब है पिछले साल प्रदेशभर में कुल नौ करोड़ पौधरोपण हुआ था।
इस साल के शुरुआत में उप्र सरकार ने प्रयागराज कुंभ का ऐतिहासिक और सफल आयोजन किया था। इसकी वैश्विक सराहना हुई थी। इस महाकुंभ के बाद अब योगी सरकार ‘वृक्ष महाकुंभ’ मनाने जा रही है। इसका मकसद पर्यावरण संरक्षण और उप्र को हरियाली से आच्छादित करना है। इसके लिए लिए वन विभाग के सहयोग से सरकार हरियाली मैराथन का आयोजन करेगी। वन विभाग ने संकल्पित किया है इस साल पूरे प्रदेश में कुल 27 करोड़ पौधे रोपे जाएं। यह पौधे प्रदेश की कुल आबादी से कहीं अधिक होंगे। इसके साथ ही पिछले साल जितने पौधे रोपे गए थे उसकी तुलना में इस साल तीन गुना ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे। गौरततलब है पिछले साल प्रदेशभर में कुल नौ करोड़ पौधरोपण हुआ था।
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अभी उप्र में सिर्फ 9.2 प्रतिशत ही हरियालीकभी उप्र काफी हरा भरा प्रदेश था। लेकिन आज उप्र में सिर्फ 9.2 प्रतिशत ही हरियाली रह गयी है। इसीलिए योगी आदित्यनाथ सरकार स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को पूरे प्रदेश में एक साथ 22 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि पूरे मानसून सीजन में कुल 27 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। राज्य सरकार ने वर्ष 2022 तक उप्र में हरियाली का स्तर 15 फीसद करने का लक्ष्य भी तय किया है।
यूपी में बढ़ रहा है वनक्षेत्र
योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में उप्र में वप क्षेत्र मे इजाफा हो रहा है। यह बात भारतीय वन सर्वेक्षण के आंकड़ों से साबित होती है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो सालों में उप्र में वन क्षेत्र 678 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है।
योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में उप्र में वप क्षेत्र मे इजाफा हो रहा है। यह बात भारतीय वन सर्वेक्षण के आंकड़ों से साबित होती है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो सालों में उप्र में वन क्षेत्र 678 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है।
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पंचवटी की योजनाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप उप्र में गंगा, जमुना, सरयू और अन्य पवित्र नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में पीपल, बरगद व इसी वर्ग के पौधे लगाये जाने की योजना है। सरकार हर गांव में एक पंचवटी भी विकसित करेगी। जबकि चार व छह लेन की चौड़ी सडक़ों के किनारे छायादार पौधे लगाये जाएंगे। प्रमुख सडक़ों के किनारे इमली, नीम, जामुन, आम और जैसे पौधे लगाए जाएंगे।
हरितिमा अभियान के साथी
उत्तर प्रदेश में एक जुलाई से वन महोत्सव सप्ताह शुरुआत हुआ है। राज्य के 822 विकास खंड, 60 हजार पंचायतें और 652 शहरी क्षेत्रों को इस अभियान का अंग बनाया गया है। सेंट्रल जोन लखनऊ में 315.99 लाख, दक्षिणी जोन प्रयागराज में 308.91 लाख, रूहेलखंड जोन, बरेली में 284.76 लाख, लखनऊ मंडल लखनऊ में 249.29 लाख, पूर्वी जोन गोरखपुर में 229.46 लाख, आगरा जोन आगरा में 190.70 लाख, गोरखपुर मंडल में 155.92 लाख, पश्चिमी जोन मेरठ में 152.72 लाख, बुंदेलखंड जोन झांसी में 144.41 लाख, कानपुर मंडल, कानपुर में 141.60 लाख और मीरजापुर मंडल में 81.84 लाख पौधे लगाए जाएंगे। राज्य सरकार के 23 विभाग इस महाभियान का हिस्सा होंगे, जिसकी नोडल एजेंसी वन विभाग होगी। इस बार पौधारोपण कार्यक्रम में सरकारी विभाग आंकड़ेबाजी नहीं कर पाएंगे। हर पौधे का जियो टैगिंग की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में एक जुलाई से वन महोत्सव सप्ताह शुरुआत हुआ है। राज्य के 822 विकास खंड, 60 हजार पंचायतें और 652 शहरी क्षेत्रों को इस अभियान का अंग बनाया गया है। सेंट्रल जोन लखनऊ में 315.99 लाख, दक्षिणी जोन प्रयागराज में 308.91 लाख, रूहेलखंड जोन, बरेली में 284.76 लाख, लखनऊ मंडल लखनऊ में 249.29 लाख, पूर्वी जोन गोरखपुर में 229.46 लाख, आगरा जोन आगरा में 190.70 लाख, गोरखपुर मंडल में 155.92 लाख, पश्चिमी जोन मेरठ में 152.72 लाख, बुंदेलखंड जोन झांसी में 144.41 लाख, कानपुर मंडल, कानपुर में 141.60 लाख और मीरजापुर मंडल में 81.84 लाख पौधे लगाए जाएंगे। राज्य सरकार के 23 विभाग इस महाभियान का हिस्सा होंगे, जिसकी नोडल एजेंसी वन विभाग होगी। इस बार पौधारोपण कार्यक्रम में सरकारी विभाग आंकड़ेबाजी नहीं कर पाएंगे। हर पौधे का जियो टैगिंग की जाएगी।
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वृक्ष अभिभावक नियुक्तयोगी सरकार (Yogi Adityanath) का लक्ष्य सिर्फ पेड़ लगाना ही नहीं है। इस महाभियान का लक्ष्य पौधों को जीवित और सुरक्षित रखना भी है। इसके लिए राज्य के प्रत्येक गरीब परिवार को एक पौधा लगाने का लक्ष्य दिया गया है। इसके साथ ही हर गांव में एकवृक्ष अभिभावक होगा।वृक्ष अभिभावक पौधे लगाए जाने से लेकर उनकी देखरेख तक की जिम्मेदारी उठाएंगे। इसके लिए ग्राम प्रधान जवाबदेह होंगे।
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