ये भी पढ़ें: बरेली में गरजे BJP सांसद वरुण गांधी, अपनी ही सरकार पर लगातार दागे कई सवाल लंबे समय से नहीं हो सकी थी भर्ती प्रक्रिया बता दें कि माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों के कुछ पदों पर एक दशक से भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी। उदाहरण के तौर पर राजकीय महाविद्यालयों में पुस्तकालयाध्यक्ष के पद पर 11 साल से भर्ती नहीं हुई है। अब पदनाम बदलकर प्रवक्ता पुस्तकालयाध्यक्ष के 106 पदों पर भर्ती का प्रस्ताव उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से भेजा जा रहा है। राजकीय और सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में प्रवक्ता पुस्तकालयाध्यक्ष और असिस्टेंट प्रोफेसर के 1392 पद रिक्त हैं।
40 प्रतिशत स्कूलों के पद रिक्त इसके अलावा सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 2013 के बाद से प्रधानाचार्यों की भर्ती नहीं हुई है। ऐसे में करीब 40 प्रतिशत स्कूलों के पद खाली पड़े हैं। हालांकि इनका अधियाचन भी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को मिल चुका है। जिस तरह से मुख्यमंत्री ने आयोगों को भर्ती में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इससे उम्मीद है कि लंबित भर्तियां जल्द पूरी होंगी।
ये भी पढ़ें: UP के अमरोहा के राजीव कुमार होंगे देश के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त, इस दिन से संभालेंगे कार्यभार यहां देखें खाली पदों की संख्या – 5183 प्रशिक्षित स्नातक व प्रवक्ता के पद एडेड कॉलेजों में
– 1938 पद प्रधानाचार्य के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में – 106 पद लेक्चरर लाइब्रेरी के राजकीय महाविद्यालयों में – 368 पद असिस्टेंट प्रोफेसर के राजकीय महाविद्यालयों में – 3200 पद राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के
– 1500 पद राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता के – 918 असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में – 13213 कुल रिक्त पद