योगी सरकार ने बढ़ाई मुख्तार की मुसीबत आपको बता दें कि दिसंबर 2020 में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को तीन मामलों में बरी करने का फैसला सुनाया था। एमपी-एमएलए कोर्ट के इन फैसलों के खिलाफ यूपी सरकार की तरफ से तीन अलग-अलग अपील हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल की गई थी। जिनको हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए मुख्तार अंसारी को नोटिस जारी कर दिया है। राज्य सरकार की ओर से अपील में कहा गया कि एक मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गवाह ने सजा के लिए पर्याप्त गवाही दी थी, लेकिन ट्रायल कोर्ट ने उस गवाही को न मानकर मुख्तार को बरी कर दिया। वहीं गैंगस्टर के एक मामले में पत्रावली पर मौजूद सबूतों को ट्रायल कोर्ट ने ठीक से संज्ञान नहीं लिया और मुख्तार अंसारी को बरी कर के गलती की।
हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस सरकार की अपीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने मुख्तार को नोटिस जारी कर दिया है। 28 अप्रैल, 2003 को लखनऊ के जेलर एस.के. अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें उनके साथ गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी और पिस्तौल तानने का आरोप था। वहीं 1 मार्च, 1999 को तत्कालीन डीआईजी जेल एसपी सिंह पुंडीर ने थाना कृष्णा नगर में एक एफआईआर दर्ज कराई थी। इन दोनों मामलों के अलावा थाना हजरतगंज में गैंगस्टर एक्ट के मामले में भी मुख्तार को बरी किया गया था। अब इन सभी मामलों की सुनवाई हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच पर तीन हफ्ते के बाद होगी।