दो मंत्रियों का हुआ निधन
आपको बता दें कि प्रदेश सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों चेतन चौहान और कमल रानी वरुण के निधन के चलते उनका पद खाली है। जानकारी के मुताबिक शिक्षक क्षेत्र के विधान परिषद सदस्य पद के चुनाव खत्म होने के बाद ही योगी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। इसको लेकर सरकार में मंथन भी शुरू हो गया है। यूपी में होने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी को देखते हुए प्रदेश की बीजेपी सरकार का यह आखिरी मंत्रिमंडल विस्तार होगा। इसमें जातीय समीकरणों का पूरा ख्याल भी रखा जाना तय है। साथ ही क्षेत्रीय असंतुलन को भी दूर किया जाएगा। कुछ पुराने चेहरों को मंत्रिमंडल से बाहर भी किया जा सकता है।
इनको मिल सकता है मौका
आपको बता दें कि यूपी उपचुनाव में अमरोहा के नौगावां सादात सीट से प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे चेतन चौहन की पत्नी संगीता चौहान जीती हैं। बुलंदशहर में दिवंगत विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही की पत्नी ऊषा सिरोही भी उपचुनाव जीती हैं। इन दोनों में से भी कोई एकमंत्री बनाया जा सकता है। कमल रानी वरुण के निधन के बाद मंत्रिमंडल में महिलाओं की संख्या कम हो गई है। अब इस संख्या को तीन से बढ़ा कर चार किया जा सकता है। इसके अलावा उन्नाव के बांगरमऊ से श्रीकांत कटियार, कानपुर के घाटमपुर से उपेंद्रनाथ पासवान, देवरिया के देवरिया सदर से डॉ. सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी और फिरोजाबाद के टूंडला से प्रेमपाल धनगर ने जीत दर्ज की है। इनमें से भी किसी को मंत्रिमंडल में जगह मिलने के आसार हैं।
इनकी हो सकती है छुट्टी
दरअसल सीएम योगी आदित्यनाथ अपने कुछ मंत्रियों के कामकाज से खुश नहीं हैं और इस विस्तार में उनकी छुट्टी कर उन्हेंं संगठन में भेजने की तैयारी है। साथ ही उम्रदराज मंत्रियों को भी दूसरी जिम्मेदारी देने की तैयारी है। 2022 के विधानसभा चुनाव में वोटरों को जोड़ने के लिए युवा विधायकों को योगी की टीम में मौका मिल सकता है। आपको बता दें कि इससे पहले भी सीएम योगी वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, सिंचाई मंत्री धर्मपाल, बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जयसवाल और आबकारी राज्यमंत्री अर्चना पाण्डेय को हटा चुके हैं।