सरकार ने लिया कड़ा फैसला दरअसल उत्तर प्रदेश में लोग बड़े पैमाने पर आवासीय मकानों को तोड़कर उसमें कॉम्प्लेक्स और दुकानें बनवा रहे हैं। अकेले राजधानी लखनऊ में ही 25 हजार से ज्यादा अवैध निर्माण खड़े हो चुके हैं। 16 सितम्बर को इस संबंध में प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसमें इसको लेकर आवासीय प्लॉट पर दुकान बनाने के खिलाफ यह कड़ा फैसला लिया गया। उत्तर प्रदेश शासन ने 26 सितम्बर को इसका आदेश जारी कर दिया।
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जुर्माने की दरें भी होंगी तय लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रभु एन. सिंह ने बताया कि प्रमुख सचिव आवास के दिशा निर्देश मिल गये हैं। नियमावली बनाकर आगे कार्रवाई होगी। जुर्माने की दरें भी तय की जाएंगी। प्रभु एन. सिंह के मुताबिक लोग बड़े पैमाने पर अपने आवासीय मकानों को तोड़कर उसमें कॉम्प्लेक्स और दुकानें बनवा चुके हैं और कई लोग अभी भी बनवा रहे हैं। इन सभी पर नकेल कसने के लिये यह कदम उठाया गया है।