लखनऊ

World Malaria Day 2022: मलेरिया को निगल गया कोरोना, जानिए क्या है थीम और वर्तमान स्थिति

World Malaria Day Theme: मलेरिया एक खतरनाक बीमारी रही है। लेकिन कोरोना ने मलेरिया जैसा घातक बीमारियों को बेदम कर दिया। इस वर्ष की थीम “मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करें”।

लखनऊApr 25, 2022 / 11:06 am

Snigdha Singh

World Malaria Day 2022 Theme History and Current Situation

खतरनाक कोरोना वायरस ने भले ही जमकर कहर बरपाया हो पर मलेरिया जैसी बीमारियों को बेदम कर दिया। यह हम नहीं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग का सर्वे कह रहा है। इसके मुताबिक कोविड काल में वायरल बीमारियां बढ़ गईं पर मलेरिया और फाइलेरिया नाममात्र का रह गया। आंकड़ों की बात करें तो 2019 में 85 हजार स्लाइड्स में मलेरिया के 421 केस आए थे, जबकि वर्ष 2021 में 2.40 लाख स्लाइड्स में सिर्फ 15 पॉजिटिव ही हुए।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना काल से पहले तक गर्मी और बारिश के सीजन में मलेरिया का फोबिया देखा जाता रहा था लेकिन अब इसके प्रसार पर तगड़ा ब्रेक लग गया। मलेरिया प्लाज्मोडियम पैरासाइट्स की चाल रोक दी। बीते एक साल की बात करें तो मलेरिया के केसेस काफी कम हो चुके हैं। सर्वे में कोरोना की पहली लहर में चली दवाओं को अहम कड़ी माना जा रहा है। हालांकि अभी फाइलेरिया परजीवी की मौजूदगी आधी है पर कोरोना काल में खाई गईं दवाओं से उस पर असर पड़ा है। स्वास्थ्य विभाग के सर्वे के मुताबिक तो कोरोना की पहली लहर में आइवरमेक्टिन और एचसीक्यू टेबलेट को वायरस से बचाव के तौर पर ज्यादातर ने लिया पर उसने कोरोना को कितना रोका, इस पर सवाल खड़े किए गए। बाद में इन दवाओं को कोरोना इलाज की गाइडलाइन से हटा दिया गया पर इन्होंने मलेरिया पैरासाइट्स यानी परजीवी को रोकने में अहम भूमिका निभाई।
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प्रदेश में मात्र 1-2 फीसदी मरीज

स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे के बाद दावा किया कि प्रदेश में सिर्फ 1-2 फीसदी ही मलेरिया के केस मिले है। अभी मलेरिक के जो मामले हैं वह अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों से है। जहां विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पहले शहर और ग्रामीण इलाकों का औसत बराबर 50-50 फीसदी रहा।
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मलेरिया दिवस की क्या है थीम

विश्व मलेरिया दिवस 2022 की थीम है, “मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करें”। इस साल का विश्व मलेरिया दिवस वैश्विक उन्मूलन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नवाचारों की ओर ध्यान आकर्षित करेगा। इसी पर आधारित स्वास्थ्य विभाग द्वारा योजनाएं तैयार हुई है।
क्यो मनाते हैं मलेरिया दिवस

विश्व मलेरिया दिवस का विचार अफ्रीका मलेरिया दिवस से विकसित किया गया था। अफ्रीका मलेरिया दिवस मूल रूप से एक ऐसी घटना है जिसे 2001 से अफ्रीकी सरकारों द्वारा मनाया जा रहा है, जिसे पहली बार 2008 में आयोजित किया गया था। 2007 में, विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा प्रायोजित एक बैठक में प्रस्तावित किया गया कि अफ्रीका मलेरिया दिवस को विश्व मलेरिया दिवस में बदल दिया जाए। स्वास्थय विभाग द्वारा जागरूकता क्रार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे।
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