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पॉलिटिक्स में परिवारवाद- नेहरू-गांधी और मुलायम ही नहीं यूपी के इन परिवारों में भी फैली वंशवाद की शाखाएं
जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी
नेहरू-गांधी परिवार की चौथी पीढ़ी राजनीति में सक्रिय है। इंदिरा गांधी ने अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से सियासत की बारीकियां सीखीं और 1966 में भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी देश के छठे प्रधानमंत्री बने। अब चौथी पीढ़ी के तौर पर इनके सुपुत्र-सुपुत्री राहुल गांधी (Rahul Gandhi) व प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) राजनीति में सक्रिय हैं।
चौधरी चरण सिंह और अजित सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह तीसरी पीढ़ी राजनीति में सक्रिय है। चौधरी चरण सिंह शिकागो में नौकरी कर रहे बेटे अजित सिंह (Ajit Singh) भारत लाये और राजनीति का ककहरा सिखाया। पीवी नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकारों में व केंद्रीय मंत्री रहे। हाल ही में अजित सिंह के निधन के बाद उनके पूर्व सांसद सुपुत्र जयंत चौधरी राष्ट्रीय लोकदल का अध्यक्ष बनाया गया है और पिता-दादा की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह तीसरी पीढ़ी राजनीति में सक्रिय है। चौधरी चरण सिंह शिकागो में नौकरी कर रहे बेटे अजित सिंह (Ajit Singh) भारत लाये और राजनीति का ककहरा सिखाया। पीवी नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकारों में व केंद्रीय मंत्री रहे। हाल ही में अजित सिंह के निधन के बाद उनके पूर्व सांसद सुपुत्र जयंत चौधरी राष्ट्रीय लोकदल का अध्यक्ष बनाया गया है और पिता-दादा की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव
तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव को राजनीति का माहिर खिलाड़ी माना जाता है। वह केंद्रीय रक्षामंत्री भी रहे। वर्तमान में मैनपुरी से सांसद हैं। मुलायम न केवल अपने बेटे अखिलेश यादव को राजनीति में लेकर आये, बल्कि उन्हें मुख्यमंत्री तक बना दिया। वर्तमान में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) आजमगढ़ से सांसद हैं। यूपी की राजनीति में मुलायम परिवार सबसे बड़ा सियासी परिवार माना जाता है।
तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव को राजनीति का माहिर खिलाड़ी माना जाता है। वह केंद्रीय रक्षामंत्री भी रहे। वर्तमान में मैनपुरी से सांसद हैं। मुलायम न केवल अपने बेटे अखिलेश यादव को राजनीति में लेकर आये, बल्कि उन्हें मुख्यमंत्री तक बना दिया। वर्तमान में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) आजमगढ़ से सांसद हैं। यूपी की राजनीति में मुलायम परिवार सबसे बड़ा सियासी परिवार माना जाता है।
कल्याण सिंह और राजवीर
अलीगढ़ की अतरौली विधानसभा सीट से कई बार विधायक रहे कल्याण सिंह (Kalyan Singh) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और राजस्थान के राज्यपाल रह चुके हैं। पिता से राजनीतिक गुर सीखते हुए उनके सुपुत्र राजवीर सिंह भी सक्रिय राजनीति में हैं। लगातार दूसरी बार वह एटा संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं।
अलीगढ़ की अतरौली विधानसभा सीट से कई बार विधायक रहे कल्याण सिंह (Kalyan Singh) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और राजस्थान के राज्यपाल रह चुके हैं। पिता से राजनीतिक गुर सीखते हुए उनके सुपुत्र राजवीर सिंह भी सक्रिय राजनीति में हैं। लगातार दूसरी बार वह एटा संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं।
राजनाथ सिंह और पंकज सिंह
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) का अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। अपने बेटे पंकज सिंह को भी राजनीति की शिक्षा दी। पंकज सिंह वर्तमान में नोएडा से विधायक हैं और वर्षों से संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) का अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। अपने बेटे पंकज सिंह को भी राजनीति की शिक्षा दी। पंकज सिंह वर्तमान में नोएडा से विधायक हैं और वर्षों से संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं।
नरेश अग्रवाल और नितिन अग्रवाल
हरदोई से सात बार विधायक रहे नरेश अग्रवाल (Naresh Agarwal) तीन बार यूपी सरकार में मंत्री बने। दो बार सपा से राज्यसभा भी गये। अपने बेटे नितिन अग्रवाल को भी राजनीति लेकर आये। नितिन लगातार तीन बार से हरदोई सदर से विधायक हैं। दोनों बाप-बेटे अब भारतीय जनता पार्टी में हैं।
हरदोई से सात बार विधायक रहे नरेश अग्रवाल (Naresh Agarwal) तीन बार यूपी सरकार में मंत्री बने। दो बार सपा से राज्यसभा भी गये। अपने बेटे नितिन अग्रवाल को भी राजनीति लेकर आये। नितिन लगातार तीन बार से हरदोई सदर से विधायक हैं। दोनों बाप-बेटे अब भारतीय जनता पार्टी में हैं।
प्रमोद तिवारी और आराधना मिश्रा
प्रमोद तिवारी (Pramod Tiwari) प्रतापगढ़ की रामपुर खास विधानसभा सीट से नौ बार विधायक चुने गये। राज्यसभा सांसद भी रहे। उन्होंने अपनी बेटी आराधना मिश्रा (Aaradhna Mishra) को राजनीतिक का ककहरा सिखाया जो अपने पिता की सीट रामपुर खास से विधायक हैं। वर्तमान में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता भी हैं।
प्रमोद तिवारी (Pramod Tiwari) प्रतापगढ़ की रामपुर खास विधानसभा सीट से नौ बार विधायक चुने गये। राज्यसभा सांसद भी रहे। उन्होंने अपनी बेटी आराधना मिश्रा (Aaradhna Mishra) को राजनीतिक का ककहरा सिखाया जो अपने पिता की सीट रामपुर खास से विधायक हैं। वर्तमान में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता भी हैं।
जितेंद्र प्रसाद और जितिन प्रसाद
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में जितेंद्र प्रसाद का नाम लिया जाता है। जितेंद्र प्रसाद राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हाराव के राजनीतिक सलाहकार भी रहे। जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभाल रहे हैं। अब वह बीजेपी शामिल हो चुके हैं। इससे पहले कांग्रेस से दो बार सांसद वह पूर्व मंत्री भी रहे।
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में जितेंद्र प्रसाद का नाम लिया जाता है। जितेंद्र प्रसाद राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हाराव के राजनीतिक सलाहकार भी रहे। जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभाल रहे हैं। अब वह बीजेपी शामिल हो चुके हैं। इससे पहले कांग्रेस से दो बार सांसद वह पूर्व मंत्री भी रहे।
हरिशंकर तिवारी और विनय शंकर तिवारी
हरिशंकर तिवारी गोरखपुर (Gorakhpur) के चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र से कई बार विधायक चुने गये। अलग-अलग पार्टियों की सरकारों में कई बार मंत्री भी रहे। उन्होंने अपने दोनों बेटों कुशल तिवारी (भीष्म शंकर तिवारी) और विनय शंकर तिवारी राजनीति का ककहरा सिखाया। वर्तमान में विनय शंकर तिवारी चिल्लूपार से बसपा विधायक हैं, जबकि कुशल तिवारी संतकबीरनगर से सांसद रह चुके हैं।
हरिशंकर तिवारी गोरखपुर (Gorakhpur) के चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र से कई बार विधायक चुने गये। अलग-अलग पार्टियों की सरकारों में कई बार मंत्री भी रहे। उन्होंने अपने दोनों बेटों कुशल तिवारी (भीष्म शंकर तिवारी) और विनय शंकर तिवारी राजनीति का ककहरा सिखाया। वर्तमान में विनय शंकर तिवारी चिल्लूपार से बसपा विधायक हैं, जबकि कुशल तिवारी संतकबीरनगर से सांसद रह चुके हैं।
बृजभूषण शरण सिंह और प्रतीक भूषण सिंह
बृजभूषण शरण सिंह 1999 के बाद से वह लगातार लोकसभा चुनाव जीत रहे हैं। वर्तमान में वह बहराइच (Bahraich) की कैसरगंज संसदीय क्षेत्र से बीजेपी के सांसद हैं। वह अपने बेटे प्रतीक भूषण सिंह को राजनीति में लेकर आये। प्रतीक इस समय गोंडा से बीजेपी विधायक हैं।
बृजभूषण शरण सिंह 1999 के बाद से वह लगातार लोकसभा चुनाव जीत रहे हैं। वर्तमान में वह बहराइच (Bahraich) की कैसरगंज संसदीय क्षेत्र से बीजेपी के सांसद हैं। वह अपने बेटे प्रतीक भूषण सिंह को राजनीति में लेकर आये। प्रतीक इस समय गोंडा से बीजेपी विधायक हैं।
आनंद सिंह और कीर्तिवर्धन सिंह
गोंडा (Gonda) मनकापुर के राजा आनन्द सिंह तीन बार विधायक व चार बार सांसद रहे। उन्होंने बेटे कीर्तिवर्धन सिंह को राजनीतिक ककहरा सिखाया। वर्तमान में कीर्तिवर्धन सिंह गोंडा से बीजेपी के सांसद हैं।
गोंडा (Gonda) मनकापुर के राजा आनन्द सिंह तीन बार विधायक व चार बार सांसद रहे। उन्होंने बेटे कीर्तिवर्धन सिंह को राजनीतिक ककहरा सिखाया। वर्तमान में कीर्तिवर्धन सिंह गोंडा से बीजेपी के सांसद हैं।
अखिलेश सिंह और अदिति सिंह
रायबरेली से पांच पार विधायक रहे अखिलेश सिंह का वर्ष 2019 में निधन हो गया था। इससे पहले उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में अपनी बेटी अदिति सिंह (Aditi Singh) को चुनाव जिताकर विधानसभा भेजा। वर्तमान में अदिति सिंह पिता की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं।
रायबरेली से पांच पार विधायक रहे अखिलेश सिंह का वर्ष 2019 में निधन हो गया था। इससे पहले उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में अपनी बेटी अदिति सिंह (Aditi Singh) को चुनाव जिताकर विधानसभा भेजा। वर्तमान में अदिति सिंह पिता की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं।