लखनऊ

World Blood Donor Day 2021: अपने खून को किसी और की रगों में बहने का मौका जरूर दें, कई जिस्मों में जिंदा रहेंगे आप

– World Blood Donor Day 2021
– किसी और की रगों में जब बहता है आपका खून तो होता है सुखद एहसास
– किसी और की रगों में जब बहता है आपका खून तो होता है सुखद एहसास
– कोविड वैक्सीन के बाद कब और कितना किया जा सकता है रक्तदान
– संपूर्ण रक्त दान के बजाय कुछ अवयव ही लेना चाहिए दान

लखनऊJun 15, 2021 / 04:39 pm

नितिन श्रीवास्तव

World Blood Donor Day 2021: अपने खून को किसी और की रगों में बहने का मौका जरूर दें, कई जिस्मों में जिंदा रहेंगे आप

लखनऊ. World Blood Donor Day 2021: आज वर्ल्ड ब्लड डोनर डे है। दुनिया का कोई भी वैज्ञानिक खून बना नहीं सका है। ना ही कोई ऐसी मशीन बनी है, जिससे खून को बनाया जा सके। जरूरत पड़ने पर एक इंसान का खून ही किसी दूसरे की जिंदगी बचा सकता है। ऐसे में ब्लड डोनेशन के अलावा इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं हैं। समाज में तमाम लोगों ने ब्लड डोनेशन के महत्व को समझा है। इसीलिए वह खुद भी आगे आते हैं और लोगों को भी ब्लड डोनेशन के लिए मोटिवेट करते हैं। हालांकि रक्तदान (Blood Donation) के प्रति आज भी लोगों में भ्रांति है कि खून देने से कमजोरी आती है, पर यह गलत है। रक्तिदान करने वाला व्यक्ति हमेशा स्वास्थ्य रहता है। 18 साल से लेकर 60 साल की उम्र वाले लोगों को हर तीन महीने पर रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान करने का सबसे बड़ा फायदा, जिसे आप खून दे रहे हैं उसे नई जिंदगी मिलेगी। दूसरी तरफ डॉक्टरों के मुताबित किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में हर 35 से 40 दिनों के बाद खून नए सिरे से बनने लगता है। ऐसे में रक्तदान पूरी तरह सुरक्षित और फायदेमंद भी है। ब्लड डोनेशन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे सेलिब्रेट किया जाता है।

 

रक्तदान के फायदे (Blood Donation Benefits)

आपके द्वारा रक्तदान करने का जितना फायदा एक जरूरतमंद को होता है, उससे कहीं ज्यादा फायदा रक्तदान करने वाले को मिलता है। रिसर्च के मुताबिक लगातार रक्तदान करने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा दूर रहता है। यही नहीं ऐसा करने से हमारे खून में कोलेस्ट्रॉल भी जमा नहीं होता है और साथ ही जो वायरस हमारे शरीर में अपनी जगह बना लेते हैं, वे भी रक्तदान के दौरान शरीर से बाहर निकल जाते हैं।

 

कौन कर सकता है रक्तदान? (Who Donate Blood)

18 से 65 वर्ष के बीच का कोई भी शख्स जिसका ह्यूमोग्लोबिन 12.5 फीसदी से ज्यादा हो और उसका वजन कम से कम 45 किलोग्राम हो। ऐसा व्यक्ति ही रक्तदान कर सकता है। अगर कोई शख्स ऐसा है, जिसका शुगर लेवल 225 तक है और वो इंसुलिन न लेता हो तो वो भी रक्तदान कर सकता है। उसका रक्त किसी ऐसे इंसान को ही चढ़ाया जाता है जिसको शुगर की समस्या हो। वहीं अगर शुगर का मरीज लगातार अपना रक्तदान करता है तो उसका नया खून जब बनेगा तो वो शुगर रहित होगा क्योंकि हमारा शरीर शुगर वाला खून नहीं बनाता है। इसमें ये ध्यान रखने की जरूरत होती है कि एक रक्तदान व दूसरे रक्तदान के बीच करीब 3 से 6 महीने का गैप रहे।

 

एक यूनिट ब्लड बचाता है चार लोगों की जान

आपके द्वारा किया गया रक्तदान किसी एक या दो नहीं बल्कि चार लोगों तक की जान बचाता है। जब एक यूनिट ब्लड के चार हिस्से किये जा सकते हैं। ब्लड के रेड ब्लड सेल और वाइट ब्लड सेल अलग-अलग कर दिये जाते हैं। साथ ही ब्लड से प्लाज्मा भी अलग किया जाता है। जिसके बाद एक शख्स के एक यूनिट ब्लड से चार लोगों चार लोगों की जान बचाई जा सकती है।

 

ब्लड डोनेशन के फायदे

– हार्ट अटैक की आशका कम हो जाती है।
– कैंसर और दूसरी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है।
– शरीर को नए ब्लड सेल्स मिलने के अलावा तंदुरुस्ती भी मिलती है।
– जितना खून लिया जाता है, वह 21 दिन में शरीर फिर से बना लेता है।

 

रक्तदान क्यों जरूरी

– ब्लड डोनेट कर बचा सकते हैं किसी की जान।
– ब्लड का किसी भी प्रकार से नहीं हो सकता उत्पादन।
– हर साल करीब 15 से 25 लाख यूनिट ब्लड की जरूरत, सिर्फ 1 लाख को भी नहीं मिल पाता है खून।
– हमारे शरीर में कुल वजन का सात फीसद हिस्सा खून होता है।
– 25 फीसद से अधिक लोगों को अपने जीवन में खून की जरूरत पड़ती है।

 

इन परिस्थियों में चढ़ाया जाता है खून

– हिमोग्लोबीन की मात्रा सात ग्राम से कम होने पर।
– ऑपरेशन के दौरान ब्लड की कमी होने पर।
– एनिमिया होने की स्थिति में।
– ज्यादा रक्तश्राव होने पर।

 

कोविड वैक्सीन के 14 दिन बाद करें रक्तदान

कोरोना वैक्सीनेशन के लिए केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति वैक्सीन लगवाने के 14 दिन बाद ही रक्तदान कर सकता है। इसके अलांवा कोरोना संक्रमित हो चुका व्यक्ति भी आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आने के 14 दिनों के बाद रक्तदान कर सकता है। सरकार ने नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड (नेगवैक) की सिफारिशों के बाद यह गाइडलाइन जारी की है। एक्सपर्ट ग्रुप ने वैक्सीन पर नई शोध रिपोर्ट और वैश्विक वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर यह सिफारिश की है।

 

संपूर्ण रक्त दान से बचें

हॉस्पिटल्स और एनजीओ द्वारा आयोजित किए जाने वाले ब्लड डोनेशन कैंप्स में आमतौर पर संपूर्ण ब्लड ही लिया जाता है, जबकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि संपूर्ण रक्त दान में लेने की बजाय इसके सिर्फ कुछ अवयव ही दान में एकत्र किए जाने चाहिए। आईएमए के मुताबिक ब्लड डोनेशन कैंप्स को अगर ब्लड कम्पोनेंट डोनेशन कैम्प कहा जाए तो गलत नहीं होगा। आईएमए के मुताबिक जहां एक ही बैग में ब्लड एकत्र किया जा रहा हो वहां ब्लह डोनेट करने से बचें। आमतौर पर दो कम्पोनेंट प्रयोग किए जाते हैं। यानी संपूर्ण रक्त दान में लेने की बजाय इसके सिर्फ कुछ अवयव ही दान में एकत्र किए जाने चाहिए।

 

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