बसपा सुप्रीमों मायावती ने बुधवार को लखनऊ में प्रेस कांफ्रेस की। उन्होंने कहा कि इस बिल के मुताबिक आने वाले 15-16 सालों में देश में महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। इस बिल के पास होने के बाद इसे तुरंत लागू नहीं किया जा सकेगा। सबसे पहले देश में जनगणना कराई जाएगी और इसके बाद सीटों का परिसीमन किया जाएगा। जनगणना में काफी समय लगता है। इसके बाद ही यह बिल लागू होगा।
उन्होंने आगे कहा कि इससे साफ है कि यह बिल महिलाओं को आरक्षण देने के इरादे से नहीं लाया गया है बल्कि आगामी चुनाव से पहले महिलाओं को प्रलोभन देने के लिए लाया गया है।
यह भी पढ़ें
BKU अध्यक्ष नरेश टिकैत की बढ़ी मुश्किलें, 20 साल पुराने हत्या मामले में हाईकोर्ट करेगा सुनवाई
पुराने संसद भवन को भुलाया नहीं जा सकताबसपा सुप्रीमों मायावती ने मंगलवार को कहा कि पुराने संसद भवन की विदाई हो चुकी है जिसे आसानी से भुलाया नहीं जा सकता है। मुझे संसद के दोनों सदनों में जाने का मौका मिला जो मेरे लिए सौभाग्य की बात है। नए संसद की शुरूआत आज से की जा रही है जिसका BSP दिल से स्वागत करती है।
SC/ST/OBC की महिलाओं का कोटा हो सुरक्षित
उन्होंने कहा कि नए संसद भवन में आज महिला आरक्षण बिल पेश किया जाएगा। इसके पक्ष में बसपा सहित कई पार्टियां अपना मत देंगी। बसपा ने महिला आरक्षण बिल को हमेशा समर्थन दिया है। इसके साथ- साथ यह भी कहा है कि महिलाओं को जो भी आरक्षण दिया जाता है। उनमें से SC/ST/OBC वर्गों की महिलाओं का कोटा अलग से सुरक्षित करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो इन वर्गों के साथ नाइंसाफी होगी। अगर ऐसा नहीं भी हुआ तब भी BSP पार्टी आज पेश होने वाले महिला आरक्षण बिल का समर्थन करेगी।
उन्होंने कहा कि नए संसद भवन में आज महिला आरक्षण बिल पेश किया जाएगा। इसके पक्ष में बसपा सहित कई पार्टियां अपना मत देंगी। बसपा ने महिला आरक्षण बिल को हमेशा समर्थन दिया है। इसके साथ- साथ यह भी कहा है कि महिलाओं को जो भी आरक्षण दिया जाता है। उनमें से SC/ST/OBC वर्गों की महिलाओं का कोटा अलग से सुरक्षित करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो इन वर्गों के साथ नाइंसाफी होगी। अगर ऐसा नहीं भी हुआ तब भी BSP पार्टी आज पेश होने वाले महिला आरक्षण बिल का समर्थन करेगी।