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लखनऊ

कोमा में चल रहे पति की पत्नी बनेगी संरक्षक, हाईकोर्ट ने दी इजाजत

Big decision of High Court:दो साल से कोमा में चल रहे एक व्यक्ति की पत्नी को हाईकोर्ट ने पति का संरक्षक बनने की इजाजत दे दी है। पति की चिकित्सा रिपोर्ट और प्रशासनिक रिकॉर्ड की जांच के बाद पत्नी को पति का अभिभावक बनने की सशर्त अनुमति दी गई है। अब वह महिला अभिभावक के रूप में किसी भी दस्तावेज में हस्ताक्षर करने की हकदार होगी।

लखनऊNov 11, 2024 / 07:43 am

Naveen Bhatt

Uttarakhand High Court has given permission to a woman to become her husband's guardian

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक महिला को उनके पति का संरक्षक बनने की अनुमति प्रदान की है

Big decision of High Court:ब्रेन स्ट्रोक के कारण कोमा में चल रहे एक व्यक्ति की पत्नी को कोर्ट ने पति का संरक्षक बनाने की अनुमति प्रदान की है। उत्तराखंड के नैनीताल निवासी खेल कॉलेज की एक महिला टीचर ने इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। महिला का विवाह साल 2022 में मुकेश जोशी से हुआ था। ब्रेन स्ट्रोक के कारण मुकेश जोशी पिछले दो साल से कोमा में चल रहे हैं। पूर्व में केरल हाईकोर्ट ने भी ऐसे ही एक मामले में निर्णय दिया था। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ के समक्ष नैनीताल निवासी एक कॉलेज में स्पोर्ट्स टीचर महिला ने जून 2023 से कोमा में जा चुके अपने 42 वर्षीय पति मुकेश जोशी का संरक्षक बनने की अनुमति के लिए याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने उन्हें पति का अभिभावक बनने की अनुमति प्रदान कर दी है।

दस्तावेजों में हस्ताक्षर की अधिकारी

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने महिला को उनके पति का संरक्षक बनने की अनुमति प्रदान कर दी है। अब महिला संरक्षक के तौर पर दस्तावेजों में हस्ताक्षर करने की अधिकारी बन गई हैं। महिला ने शादी का पंजीकरण करने, उनकी बेटी का आधार कार्ड बनाने, पति के बैंक खाते को संचालित करने के लिए अभिभावक बनने की कोर्ट से अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने उन्हें इस मामले में अनुमति प्रदान कर दी है।
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दुरुपयोग पर अनुमति होगी रद

हाईकोर्ट ने महिला को सशर्त पति का संरक्षक बनने की इजाजत दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि महिला के पति की तबीयत ठीक हो जाती है, अधिकार का दुरुपयोग, कोई वित्तीय अनियमितता होती है या उपचार के संबंध में देखभाल, संरक्षण, सहायता की आवश्यकता होती है तो इस अनुमति को रद्द भी किया जा सकता है।

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