क्या हैं टोमैटो फीवर? सबसे पहले तो टोमैटो फीवर के बारे में जानना जरूरी है। टोमैटो फीवर और टोमैटो फ्लू दोनों एक है। ये फ्लू 5 साल या इससे कम उम्र के बच्चों में हो रही है। अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह वायरल फीवर है या फिर डेंगू, चिकनगुनिया की वजह से होने वाली प्रॉब्लम। इस फीवर में बच्चों की त्वचा पर लाल-लाल छाले हो जाते हैं, जो आकार कई बार टमाटर के बराबर भी हो जाता है। यही वजह से इसका नाम टोमैटो फीवर दिया गया है। अभी तक इसके सबसे ज्यादा मामले केरल के कोल्लम में देखने को मिले हैं, लेकिन हेल्थ ऑफिसर्स ने चेताया है कि यह दूसरे राज्यों में भी फैल सकता है। इसीलिए राज्यों में पहले से ही अलर्ट जारी कर दिया गया है।
यह भी पढ़े – स्कूलों में अब यूनिफॉर्म नहीं जरूरी, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, ट्रांसपोर्ट से लेकर खाने तक जानें नए नियम टोमैटो फीवर के ये हैं लक्षण अगर शरीर में चकत्ते या फिर त्वचा में जलन हो तो सतर्क हो जाए। इसके अलावा बच्चों में थकान, जोड़ों में दर्द, पेट में ऐंठन जैसे भी टोमैटो फ्लू के लक्षण हैं। इसके अलावा नाक बहना, छींकना, तेज बुखार औऱ खांसी होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाए। इसमें उल्टी, दस्त और शरीर में दर्द भी होता है।
यह भी पढ़े – सैनिक स्कूल से सेना में अफसर रैंक तक की नौकरियों में होती है आसानी, फीस भी कम, ये Admission प्रक्रिया कैसे फैलता है टोमैटो फीवर? विशेषज्ञ डॉ आशीष बिस्वास के अनुसार टोमेटो फ्लू छूने से फैलता है, अगर कोई टोमैटो फ्लू से संक्रमित है तो उसके ठीक होने तक उससे अलग रखना चाहिए। संक्रमित बच्चे से स्वस्थ बच्चे को जितना हो सके दूर रखें। ये भी संक्रमित बीमारी है।
टोमैटो फीवर-फ्लू के क्या है बचाव डॉक्टरों को अभी कारणों का पता नहीं लग पा रहा है। ऐसे में फिलहाल विशेषज्ञों का कहना है कि साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी है। बच्चों को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन मरीज को कराएं। जिससे डिहाइड्रेशन न होने पाएं। फफोलों को खुजलाने और खरोंचने से बचाना है। संक्रमित मरीज द्वारा इस्तेमाल वस्तुओं को कई और नहीं इस्तेमाल करे।