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लखनऊ

मां ममता की मूरत होती है, लेकिन क्या आप ‘राजा बेटा सिंड्रोम’ के शिकार तो नहीं?

Raja Beta Syndrome: साल 2014 की अटलांटिक रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं की तुलना में भारतीय पुरुष घर का काम करने में सबसे कम समय बिताते हैं।

लखनऊApr 19, 2023 / 04:08 pm

Adarsh Shivam

What is Raja Beta Syndrome

प्रतीकात्मक तस्वीर


जैसा की हम सब जानते हैं अति हर चीज की बुरी होती है। लेकिन वही बात जब मां के प्यार की हो, तो उसकी कोई सीमा तय नहीं की जा सकती है। क्योंकि मां का प्यार अनंत माना जाता है। मां अपने बच्चे को दिल से प्यार भी करती है और गलती करने पर बच्चे पर गुस्सा भी होती है।
क्या आपको पता है कुछ मां ऐसी भी होती हैं, जो अपने बेटे को किसी ‘राजा’ से कम नहीं समझती हैं। उन्हें लगता है कि उनका बेटा कभी कोई गलती कर ही नहीं सकता है। ऐसी मां समय रहते अगर अपनी पेरेंटिंग यानी परवरिश पर ध्यान नहीं देती हैं तो जल्द ही ‘राजा बेटा सिंड्रोम’ की शिकार हो जाती है।
क्या होता है राजा बेटा सिंड्रोम और इसके लक्षण क्या है?
आसान शब्दों में ‘राजा बेटा सिंड्रोम’ को समझा जाए तो एक भारतीय मां की अपने बेटे में कोई भी गलती या बुराई देखने की असमर्थता होती है। ऐसी मां को हमेशा यही लगता है कि उनका बेटा कभी कोई गलत काम कर ही नहीं सकता है। मा कभी भी अपने बेटों को खाना बनाना या घर आए मेहमानों का स्वागत करना नहीं सिखाती हैं। जबकि बेटियों को छोटी उम्र से ही घर का हर काम सिखाया जाता है।
साल 2014 की अटलांटिक रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं की तुलना में भारतीय पुरुष घर का काम करने में सबसे कम समय बिताते हैं। पुरुष रोजाना औसतन सिर्फ 19 मिनट ही घर के काम करने में लगाते हैं। हालांकि जिसके बाद वो घर की महिलाओं की मदद करके खुद पर गर्व भी महसूस करते हैं।
एक दूसरे सर्वेक्षण में बताता गया है कि भारतीय महिलाएं प्रतिदिन लगभग 6 घंटे घर के काम करने में गुजारती हैं। जबकि, पुरुष एक घंटे से भी कम समय घर के काम को देते हैं। वो 5 संकेत जो करते हैं इशारा कि आप भी अपने बेटे को बना रहे हैं ‘राजा बेटा’ या आपकी मां ने आपको राजा बेटा बनाया है।
बेटे की हर डिमांड को पूरा करना
ऐसी मां जो अपने बेटे की किसी भी इक्षा को पूरी करती हैं। बेटे की किसी भी अच्छी बुरी बात के लिए उसे मना नहीं कर पाती है। उसकी हर जिद्द मानने के लिए अलग से प्रयास या हर मुमकिन कोशिश करती है। फिर चाहे वो कोई महंगा खिलौना खरीदने की बात हो या फिर देर रात उसका पसंदीदा खाना खाने की इच्छा। ऐसी मां शायद ही अपने बेटे को घर का कोई काम करने के लिए कहती हैं।
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किचन में जाने की जरूरत नहीं
राजा बेटा वो जिसे कभी किचन में जाने की जरूरत नहीं होती। वो जरूरत पड़ने पर सिर्फ अपने लिए इंस्टेंट नूडल्स बनाना जानते हैं। ऐसे लड़के कभी भी खुद पर आत्मनिर्भर नहीं होते, वो कभी भोजन तो कभी अपनी चीजों को सही जगह पर रखने के लिए हमेशा अपनी पत्नी या मां पर निर्भर बने रहते हैं।
अपने बेटे की देखभाल के लिए बहुओं पर रखती हैं नजर
मां को अपने बेटे की शादी के बाद भी उसकी ही चिंता लगी रहती है। ऐसे में वो अपनी बहू से बार-बार इस तरह के सवाल करके अपनी चिंता को दूर करने की कोशिश करती हैं कि, जैसे उनके बेटे ने समय पर खाना खाया की नहीं? हालांकि ऐसा कई बार हुआ है जब वो अपनी बहू की भूख और जरूरत से जुड़ा कोई सवाल नहीं कर पाती है।
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बेटे की गलतियों को नजरअंदाज करना
बच्चे अक्सर शरारत करते हैं। ऐसे में मां-बाप का यह फर्ज है कि उन्हें सही और गलत के बारे में समझाएं। लेकिन आप अगर अपने बच्चे के गलत व्यवहार को टोके बिना उसकी गलती को प्रेरित करते हैं तो आप ‘राजा बेटा’ की मां की कैटेगरी में आती हैं।
पत्नी की तुलना मां से करता है ‘राजा बेटा’
ऐसे पुरुषों को यह समझने की जरूरत होती है कि उनकी मां और पत्नी, दो अलग-अलग व्यक्ति हैं, जिनकी परवरिश अलग तरह से हुई है। ऐसे में दोनों की तुलना करना बिल्कुल गलत है। आपकी मां को घर चलाने का सालों का अनुभव है जबकि आपकी पत्नी अभी गृहस्थी का पाठ सीख रही है।

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