ये भी पढ़ें- यूपी मंत्री ने लड़कियों के लिए कहा- सभी चाकू रखें और जरूरत पड़े तो कर दें वार, बाकी… मुजफ्फर नगर का पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 318, मुरादाबाद का 317, वाराणसी का 311, बुलंदशहर का 298, कानपुर का 292, बागपत का पीएम 280 रिकॉर्ड किया गया है। वायरस के मद्देनजर एक शोध के मुताबिक, जिन देशों में कोरोनावायरस का प्रकोप सर्वाधिक है वहां वायु प्रदूषण इसके सामान्य विभाजक की भूमिका निभा सकता है। शोधकर्ताओं ने चेताया है कि सर्दियों में न केवल वायरस तेजी से फैलेगा बल्कि वायु प्रदूषण और स्मॉग में खतरा भी बढ़ जाएगा। पर्यावरण व स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोरोना की चपेट में आने वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा है, क्योंकि हवा में मौजूद प्रदूषण की पुरानी बीमारी का संबंध गंभीर संक्रमण और ज्यादा मौत से होता है।
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अभी तक किए गए अध्ययन के अनुसार कोरोना से व्यक्ति की सांस लेने की प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लेकिन हाल में पाया गया है कि वायरस व्यक्ति के पूरे शरीर के लिए हानिकारक बन गया है। यह शरीर में मौजूद लगभग सभी महत्वपूर्ण अंगों का नुकसान पहुंचा रहा है। कोरोना वायरस पर हुए पूर्व अध्ययनों में यह तर्क सही साबित हुए तो इस वायरस का वायु प्रदूषण से सीधा संबंध हो सकता है क्योंकि दोनों ही स्थिति में फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। वहीं सर्दी बढ़ते ही कोरोना अधिक समय के लिए संक्रामक हो जाएगा।
अभी तक किए गए अध्ययन के अनुसार कोरोना से व्यक्ति की सांस लेने की प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लेकिन हाल में पाया गया है कि वायरस व्यक्ति के पूरे शरीर के लिए हानिकारक बन गया है। यह शरीर में मौजूद लगभग सभी महत्वपूर्ण अंगों का नुकसान पहुंचा रहा है। कोरोना वायरस पर हुए पूर्व अध्ययनों में यह तर्क सही साबित हुए तो इस वायरस का वायु प्रदूषण से सीधा संबंध हो सकता है क्योंकि दोनों ही स्थिति में फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। वहीं सर्दी बढ़ते ही कोरोना अधिक समय के लिए संक्रामक हो जाएगा।