वरदान साबित होगी अटल भूमि योजना दरअसल, उत्तर प्रदेश में करीब 70 फीसदी सिंचाई भूगर्भ जल पर निर्भर है। पेयजल के लिए 80 फीसदी और 85 फीसदी औद्योगिक जरुरतों की पूर्ति धरती के भीतर से निकले जल से पूरी हो रही है। औद्योगिक क्षेत्रों में भूजल रिचार्ज की तुलना में 100 प्रतिशत से अधिक भूजल दोहन खतरे की घंटी है। केवल पेयजल योजनाओं से 630 शहरी क्षेत्रों में 5200 मिलियन लीटर व ग्रामीण क्षेत्रों में 7800 मिलियन लीटर भू जल दोहन प्रतिदिन हो रहा है। इसी दोहन को रोकने के लिए जल नीति पर कार्य किया जाना है। भारत सरकार के सहयोग से बुंदेलखंड व अन्य जल संकट वाले जिलों में अटल भूजल योजना वरदान सिद्ध होगी।
जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह का कहना है कि वर्षा और नदियों के जल का अधिकतम उपयोग की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
प्रथम चरण में महोबा, झांसी, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और ललितपुर के 20 ब्लाक और मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत व मेरठ जिलों के छह ब्लाक को शामिल किया गया है।
प्रथम चरण में महोबा, झांसी, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और ललितपुर के 20 ब्लाक और मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत व मेरठ जिलों के छह ब्लाक को शामिल किया गया है।