लखनऊ. उत्तर प्रदेश में तेज रफ्तार फैल रहा वायु प्रदूषण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को यूपी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर की वजह से लखनऊ में विजिबिलिटी कम हो गई है। वहीं, आज सुबह कई इलाकों में कोहरा भी छाया रहा। इससे धुंध बनी रही। प्रदेश में गाजियाबाद सहित ग्रेटर नोएडा, मुरादाबाद, वाराणसी, आगरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, लखनऊ, कानपुर, और नोएडा में भी वायु प्रदूषण की स्थिति बेदह चिंताजनक है। प्रदेश में जलता कूड़ा, शहर में ट्रैफिक जाम तथा विकास के लिए हो रहे निर्माण कार्य शहर की आबोहवा के लिए बेहद घातक साबित हो रहे हैं। प्रशासन द्वारा बरती जा रही लापरवाही और निर्माण कार्यों में मानकों की अनदेखी ने एयर क्वालिटी को इतना खराब कर दिया है कि लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है।
यूपी की राजधानी लखनऊ की हवा में प्रदूषण इतना ज्यादा बढ़ गया है कि बीते गुरुवार को राजधानी लखनऊ का एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार एक्यूआई लखनऊ में 420 रिकॉर्ड किया गया। लखनऊ देश में तीसरा सबसे अधिक प्रदूषित शहर पाया गया है। वहीं देश में सबसे अधिक प्रदूषण कानपुर शहर में पाया गया है। यहां एक्यूआई 431 रहा। दूसरे नंबर पर मुजफ्फरनगर की हवा भी प्रदूषित पाई गई है।
यूपीपीसीबी के अधिकारियों के मुताबिक ठंड बढ़ने के साथ कोहरा बढ़ा है। जिसके कारण वायु मंडल में धूल व धुएं के साथ घनी स्मॉग की लेयर बन गई है। पूरे दिन इस वजह से शहर में धुंध बनी रही। इसने हवा में प्रदूषण बढ़ाने का काम किया। इसे कम करने के लिए नगर निगम द्वारा पानी का छिड़काव किया जा रहा है और सड़कों की सफाई की कार्रवाई शुरू करा दी गई है। जिससे शहर में प्रदूषण ज्यादा मात्रा में फैल सकें। वहीं निर्माण साइट व औद्योगिक क्षेत्रों की निगरानी टीमें कर रही हैं।
गुरुवार को इस तरह मिला प्रदूषण
शहर – एक्यूआई
कानपुर – 431, खतरनाक
मुजफ्फरनगर – 422, खतरनाक
लखनऊ – 420, खतरनाक
गाजियाबाद – 377, बहुत खराब
बुलंदशहर – 373, बहुत खराब