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तीमारदारों का आरोप
मृतक के बेटे सैफ खान ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने संवेदनहीनता दिखाते हुए इलाज में देरी की।मरीज की हालत गंभीर थी, लेकिन उन्हें तुरंत वेंटिलेटर पर नहीं रखा गया।डॉक्टरों ने मिन्नतों को नज़रअंदाज़ किया और तीमारदारों को हंगामे का कारण बताकर बाहर निकाल दिया। इंजेक्शन लगाने के बाद मरीज की स्थिति और बिगड़ गई। सैफ खान ने वजीरगंज थाने में डॉक्टर नीरज कुमार के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई और कड़ी कार्रवाई की मांग की। यह भी पढ़ें
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डॉक्टरों का पक्ष
केजीएमयू के डॉ. सुधीर ने सफाई देते हुए कहा कि:अबरार अहमद 2018 से कोरोनरी आर्टरी डिजीज के मरीज थे। हार्ट फेलियर की स्थिति में उन्हें अस्पताल लाया गया था। उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया और वेंटिलेटर की आवश्यकता बताई गई। वेंटिलेटर उपलब्ध न होने के कारण मरीज को पीजीआई रेफर किया गया, और इसके लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की गई थी। यह भी पढ़ें
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मरीज की मौत और सोशल मीडिया पर हंगामा
मृतक के परिवार ने घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें मरीज की दर्दनाक स्थिति और डॉक्टरों की लापरवाही स्पष्ट दिख रही है। यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं।प्रमुख सवाल
क्या मरीज को समय पर सही उपचार दिया गया?क्यों वेंटिलेटर की कमी जैसी समस्या इतनी गंभीर स्थिति में बनी रही?
डॉक्टरों का व्यवहार और उनकी संवेदनहीनता कितनी जायज है?
पुलिस जांच और कार्रवाई की मांग
तीमारदारों ने डॉक्टर नीरज कुमार और संबंधित स्टाफ पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस घटना ने चिकित्सा संस्थानों में जवाबदेही और मरीजों के अधिकारों पर बहस छेड़ दी है।इस घटना से जुड़े अहम मुद्दे
चिकित्सा लापरवाहीमरीज की जान बचाने के लिए डॉक्टरों की जिम्मेदारी पर सवाल। स्वास्थ्य सेवाओं में कमी
पर्याप्त वेंटिलेटर और सुविधाओं की कमी का समाधान क्यों नहीं हो पा रहा है?
मरीजों का अधिकार
एक गंभीर मरीज को अनदेखा करना चिकित्सा आचार संहिता का उल्लंघन है।
एक गंभीर मरीज को अनदेखा करना चिकित्सा आचार संहिता का उल्लंघन है।
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