यहाँ रावण और उसके परिवार के सभी उत्पाती दानव सुबह से ही बारिश में भीग रहे हैं। जिसे अब प्रभु राम की माया ही कहा जा रहा है, ऐसा माना जा रहा है कि, ये भगवान राम का वरुणास्त्र ही है, जिससे रावण का अमृत पानी में बहकर समाप्त हो जाएगा और उसका अंत हो जाएगा।
यूपी के लखनऊ, कानपुर, सिद्धार्थनगर, बहराइच, श्रावस्ती वाराणसी, फतेहपुर, कौशांबी समेत 23 जिलों में हो रही है। इन जिलों में भी कहीं रावण के पुतले भीग गए हैं, कहीं गिर गए तो कहीं पर प्लास्टिक से कवर करते हुए उसे जलाने के लिए असफल प्रयास किया जा रहा है, लेकिन जब भगवान राम की माया ने ही उसे इस बार वरुणास्त्र से मारने का प्रबंध कर लिया है, तो अब कौन बचाएगा।