लखनऊ

पॉलिटिक्स में परिवारवाद : नेहरू-गांधी और मुलायम ही नहीं यूपी के इन परिवारों में भी फैली वंशवाद की शाखाएं

उत्तर प्रदेश के कमोबेश हर राजनीतिक दल में फैली वंशवाद की शाखाएं, एक ही परिवार से कई पीढ़ियां राजनीति में हैं सक्रिय…

लखनऊMar 13, 2019 / 08:02 pm

Hariom Dwivedi

पॉलिटिक्स में परिवारवाद : नेहरू-गांधी और मुलायम परिवार ही नहीं यूपी के इन परिवारों में भी फैली वंशवाद की शाखाएं

हरिओम द्विवेदी
लखनऊ. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अखिलेश यादव ने पत्नी डिंपल यादव को कन्नौज से प्रत्याशी घोषित क्या किया, उन पर परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगने लगे। वंशवाद की राजनीति केवल यादव परिवार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के लगभग हर क्षेत्र और कमोबेश हर राजनीतिक दल में विद्यमान है। वैसे तो नेहरू-गांधी परिवार को वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने की अगुवा माना जाता रहा है, लेकिन यह परम्परा यूपी के कई राजनीतिक दलों में है।
मुलायम सिंह यादव
सैफई के मुलायम परिवार के वर्तमान में 20 से अधिक सदस्य राजनीति में सक्रिय हैं। उनके सुपुत्र पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। बहू डिम्पल यादव और पोते तेज प्रताप सिंह समेत घर में 5 लोग लोकसभा सदस्य और भाई रामगोपाल राज्यसभा सांसद हैं। हाल ही में मुलायम के एक भाई शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के नाम से नया दल बनाया है। इसके अलावा यादव परिवार के ही बेटे-बेटियों और बहओं के पास ही जिला पंचायत अध्यक्ष, सदस्य, जिला विकास परिषद आदि के ढेरों पद हैं। इतना ही नहीं परिवार के अन्य सदस्य पॉलिटिकल एंट्री को तैयार हैं।
नेहरू-गांधी परिवार
भारतीय राजनीति में वंशवाद की परम्परा शुरू करने का श्रेय नेहरू-गांधी परिवार को ही जाता है। इसी परिवार ने देश को जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के रूप में तीन प्रधानमंत्री दिये। नेहरू-गांधी परिवार में वंशवाद की इस बेल को सोनिया गांधी ने आगे बढ़ाया। पर्दे के पीछे रहकर शासन किया। वर्तमान में सोनिया के सुपुत्र राहुल गांधी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सुपुत्री प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस महासचिव हैं। वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और उनके सांसद सुपुत्र वरुण गांधी इसी परिवार के सदस्य हैं।
Nehru Gandhi Family
चौधरी परिवार
यूपी की राजनीति में भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की तीसरी पीढ़ी सक्रिय है। बेटा अजित सिंह राष्ट्रीय लोकदल का राष्ट्रीय अध्यक्ष है और कई बार सांसद रह चुके हैं। केंद्र की विभिन्न सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। अजित के सुपुत्र जयंत चौधरी 2009 में मथुरा से सांसद रहे हैं। इस बार पार्टी में वह सक्रिय भूमिका में हैं। बीते विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक कई बार जयंत की पत्नी चारू चौधरी के भी सक्रिय राजनीति में उतरने की चर्चाएं हुई हैं, लेकिन अभी तक वह सक्रिय राजनीति से दूर हैं।
Chaudhary Family
कल्याण सिंह परिवार
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के मौजूदा राज्यपाल कल्याण सिंह के परिवार में भी वंशवाद की झलक दिखती है। उनके सुपुत्र राजवीर सिंह वर्तमान में एटा से सांसद हैं। राजवीर की पत्नी व कल्याण की पुत्रवधू प्रेमलता वर्मा भी विधायक रह चुकी हैं। नाती संदीप सिंह अलीगढ़ के अतरौली से विधायक हैं, वर्तमान में जिनके पास योगी सरकार में शिक्षा राज्यमंत्री का पद है।
Kalyan Singh Family
प्रसाद परिवार
शाहजहांपुर के प्रसाद भवन की राजनीति में खासी पहचान रही है। परिवार के मुखिया व दिग्गज कांग्रेसी नेता रहे स्वर्गीय कुंवर जितेंद्र प्रसाद उर्फ बड़े बाबा साहब और स्वर्गीय कुंवर जयेंद्र प्रसाद उर्फ छोटे बाबा साहब के नाम से थी। इन दोनों नेताओं की लखनऊ से लेकर दिल्ली की राजनीति तक अपनी अलग पहचान थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद रहे जितिन प्रसाद इसी परिवार के वंशवाद की बेल को आगे बढ़ा रहे हैं।
Prasad Family
राजनाथ सिंह परिवार
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व दिग्गज भाजपा नेता राजनाथ सिंह वर्तमान में केंद्रीय गृहमंत्री हैं। वह कई बार सांसद-विधायक व केंद्रीय मंत्री रहे। उनके सुपुत्र पंकज सिंह यूपी की राजनीति में सक्रिय हैं। मौजूदा समय में वह नोएडा से विधायक हैं। भाजपा के यूपी महासचिव का पद भी उनके पास है।
Rajnath Singh Family
आरपीएन सिंह
कांग्रेस के दिग्गज नेता आरपीएन सिंह को भी राजनीति विरासत में मिली है। इनके पिता सीपीएन सिंह केंद्रीय मंत्री रहे हैं। तीन बार विधायक रहे आरपीएन सिंह 2009 में सांसद चुने गये और केंद्र सरकार में मंत्री बने थे। संगठन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
RPN Singh
त्रिपाठी परिवार
आरएसएस पृष्ठभूमि के दिग्गज भाजपा नेता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमापति राम त्रिपाठी लंबे से यूपी की राजनीति में सक्रिय हैं। संगठन में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इनके सुपुत्र शरद त्रिपाठी संतकबीरनगर से भाजपा सांसद हैं। हाल ही में जो जूताकांड को लेकर सुर्खियों में रहे हैं।
Tripathi Family
तिवारी परिवार
पूर्वांचल के दिग्गज नेता पंडित हरिशंकर तिवारी चिल्लूपार विधानसभा से कई बार विधायक चुने गये। कई सरकारों में मंत्री भी रहे। उनके छोटे सुपुत्र विनय शंकर तिवारी 2017 में बसपा के टिकट पर चिल्लूपार से विधायक चुने गये। बड़े सुपुत्र कुशल तिवारी संतकबीर नगर से सांसद रह चुके हैं। हरिशंकर तिवारी के भांजे गणेशशंकर पांडेय कई बार एमएलसी और विधानपरिषद के सभापति भी रह चुके हैं।
Pandit Harishankar Tiwari Family
राजा आनंद सिंह
मनिकापुर स्टेट के राजा आनंद सिंह गोंडा से कई बार सांसद रहे हैं। 2012 में सपा के टिकट पर वह विधायक चुने गये थे। उनका बेटा कीर्तिवर्धन सिंह वर्तमान में गोंडा से भाजपा सांसद हैं।
Anand Singh
आजम परिवार
यूपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री व समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान यूपी की राजनीति में सक्रिय हैं। वह कई बार विधायक बने और सरकार में मंत्री भी रहे। उनके सुपुत्र अब्दुल्ला आजम स्वार विधानसभा सीट से वर्तमान में विधायक हैं। आजम खान की बेगम डॉ. तजीन फातिमा वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं।
Azam Khan Family
नसीमुद्दीन सिद्दीकी
मायावती से विवाद के बाद बसपा के कद्दावर नेता रहे पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी वर्तमान में कांग्रेस पार्टी में हैं। बसपा सरकार में कई बार मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी के सुपुत्र अफजल सिद्दीकी भी राजनीति में सक्रिय हैं। निष्कासित होने से पहले उनके पास बसपा संगठन में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी थी। इनके अलावा भी कई परिवार हैं जो यूपी की राजनीति में वंशवाद की बेल आगे बढ़ा रहे हैं।

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