ये हैं इश्क की पांच जिंदा कहानियां संयुक्ता व पृथ्वीराज उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले की एक दिलचस्प प्रेम कहानी का जिक्र इतिहास के पन्नों में है। यह प्रेम कहानी है कन्नौज की रानी संयुक्ता और दिल्ली के महाराजा पृथ्वीराज की। खास बात यह है कि पृथ्वीराज चाहते थे कि संयुक्ता का स्वयंवर हो, लेकिन संयुक्ता के पिता ने इसकी इजाजत नहीं दी। इसके बाद पृथ्वीराज का इश्क ऐसा परवान चढ़ा कि पृथ्वीराज ने संयुक्ता को भगा ले जाने की योजना तैयार की। हालांकि, अफगान आक्रमण युद्ध हारने के बाद चौहान की मृत्यु हो गई और संयुक्ता ने अपने प्रेमी की याद में आत्महत्या कर ली।
महेंद्र व मूमल यह कहानी खूबसूरत राजकुमारी व एक शादीशुदा मर्द की है। खूबसूरत राजकुमारी मूमल का दिल शादीशुदा नौजवान महेंद्र पर आ गया। समाज की नजरों से बचते हुए दोनों गुपचुप तरीके से मिलते रहे। हालांकि, बाद में जब इसका पता चला तो महेंद्र को सजा देते हुए एक कुएं में फेंक दिया गया। राजकुमारी का प्यार सच्चा था लिहाजा कई वर्षों तक राजकुमारी कुंए के पास अपने प्रेमी का इंतजार करती रहीं, बाद में उसकी भी मृत्यु हो गई।
जमालुद्दीन याकुत और रजिया सुल्तान यह कहानी है एक अफ्रीकी गुलाम व दिल्ली की पहली महिला शासक रजिया सुल्तान की। महारानी और गुलाब के बीच में इस कदर मोहब्बत हो गई कि राजकुमारी गुलाब की दीवानी हो गईं। हालांकि, दोनों के प्यार के चलते विद्रोह हुआ और याकुत की मौत हो गई, जिसके बाद रजिया का जबरन मलिक अल्तूनिया से निकाह करा दिया गया।
मोहम्मद कुली व भागमती यह कहानी उस प्रेमी जोड़े की है जिसके किस्से इतिहास के पन्नों में तो नहीं मिलते हैं लेकिन इनके किस्से आज भी सुने जाते हैं। इस जोड़े की प्रेम कहानी इतनी फेमस है कि कहा जाता है कि सुल्तान मोहम्मद कुली ने अपनी प्रेमिका के सम्मान में भागनगर से एक शहर को बसाया था। शहर बाद में हैदराबाद के नाम से जाना गया। यह कहानी है सुल्तान मोहम्मद कुली कुतुब शाह व भागमती की। लोगों का कहना है कि यह दोनों एक दूसरे से बेतहाशा प्यार करते थे और अपनी प्रेमिका की याद में मोहम्मद कुली ने एक शहर का निर्माण कराया था।
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मुमताज और शाहजहां दुनिया के आठवें अजूबे के तौर पर ताजमहल इस प्रेम कहानी को आज भी जिंदा किए हुए हैं। उत्तर प्रदेश के आगरा में शाहजहां ने अपनी प्रेमिका मुमताज महल की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया था। जिसे मोहब्बत की निशानी माना जाता है।
मुमताज और शाहजहां दुनिया के आठवें अजूबे के तौर पर ताजमहल इस प्रेम कहानी को आज भी जिंदा किए हुए हैं। उत्तर प्रदेश के आगरा में शाहजहां ने अपनी प्रेमिका मुमताज महल की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया था। जिसे मोहब्बत की निशानी माना जाता है।