उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने का बड़ा कारण है पिरूल
उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने के पीछे पिरूल बड़ा कारण है। राज्य निर्माण के बाद से वन विभाग और सरकारें इसके प्रबंधन में फेल रहीं। तमाम शोधों और दावों के बाद भी जंगलों से पिरूल का उठान व बिक्री नहीं हो पाई। अब तक सरकार लोगों से तीन रुपये प्रति किलो के हिसाब से पिरूल खरीद रही थी। कम कीमत के चलते लोग इसमें रुचि नहीं ले रहे थे। बुधवार को सरकार ने पिरूल की कीमत पचास रुपये प्रति किलो कर दी। पीसीबी के सदस्य सचिव डॉ.पराग मधुकर धकाते ने बताया, एनटीपीसी व अन्य उद्योग पिरूल का इस्तेमाल बायोफ्यूल के रूप में करेंगे। उद्योगों को पिरूल की सप्लाई पीसीबी के माध्यम से होगी। इससे जहां उद्योगों को आसानी से ईंधन मिलेगा, वहीं पिरूल की समस्या का भी समाधान होगा।