उन्होंने कहा, “यह भाजपा के मेनिफेस्टो का हिस्सा है। यह मोदी सरकार की प्राथमिकताओं की सूची में सबसे शीर्ष पर रहा है। इससे खर्च और समय दोनों की बचत होगी। हम इस समय का इस्तेमाल देश के विकास में कर सकेंगे।”
भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किया था वादा
महेंद्र भट्ट ने कहा, “
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में काफी पहले ही यह वादा किया था कि सत्ता में अगर हमारी सरकार आएगी, तो सबसे पहले कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाएगा। इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लाल किले की प्राचीर से एक साथ सभी चुनाव कराए जाने पर बल दिया था।”
एक साथ सभी चुनाव करना बेहतर विकल्प है: महेंद्र भट्ट
उन्होंने आगे कहा, “आज की तारीख में देश के सभी सामाजिक संगठनों को यह स्वीकार करने की जरूरत है कि एक साथ सभी चुनाव कराए जाने से देश के विकास की गति तीव्र होगी, क्योंकि बार- बार चुनाव कराए जाने से विकास में बाधा उत्पन्न होती है। इससे बचने के लिए एक साथ सभी चुनाव करना बेहतर विकल्प है। आज किसी भी योजना को चुनाव से जोड़ दिया जाता है, क्योंकि देश में हर महीने कहीं ना कहीं चुनाव होते ही रहते हैं। इससे विकास की गति शिथिल होती है, जिससे हम सभी को बचने की जरूरत है।” 1967 तक देश में हुए सभी चुनाव एक साथ
इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष द्वारा इस पर उठाए जा रहे सवालों पर कहा, “आजादी के बाद से 1967 तक देश में सभी चुनाव एक साथ हुए, लेकिन
कांग्रेस ने धारा 356 का दुरुपयोग करके विपक्ष की सरकार गिराई। इसका नतीजा यह हुआ कि भारत चुनावों वाला देश बन गया और यहां विकास की गति लगातार शिथिल हुई, लेकिन अब जब देश में सभी चुनाव एक साथ कराए जाने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है, तो हम सभी को इसका स्वागत करना चाहिए।”