बढ़ेगी ठंड अचानक मौसम में आए बदलाव से सर्दी बढ़ गई है। वाराणसी, कानपुर, लखऊ सहित प्रदेश के अन्य स्थानों पर सुबह तेज हवा के बाद बारिश ने मौसम को और सर्द बना दिया। इससे तापमान में गिरावट आई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि कुछ दिनों में ठंड बढ़ जाएगी। दिसंबर तक ठंड अपने पूरे शबाब पर होगी। तापमान में गिरावट के साथ पारा चार से पांच डिग्री तक लुढ़क सकता है। सुबह और शाम के समय धुंध रहेगी, साथ ही शीत लहर चलने की संभावना है। कैस्पियन सागर और भूमध्य सागर से 10 नवंबर को पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है, यह चार से पांच दिन में उत्तरी क्षेत्रों तक पहुंच गया। इसकी वजह से जहां पहाड़ों पर बर्फ गिरी है, वहीं मैदानी क्षेत्रों में बारिश के आसार बने हैं।
प्रदूषण से मिलेगी राहत स्थानीय मौसम वैज्ञानिक जेपी गुप्ता के मुताबिक रविवार को अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 29.1 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 11.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। इस सीजन की यह पहली बारिश है। बादलों के बीच बूंदाबांदी से वायु प्रदूषण के घटने की उम्मीद मौसम विभाग ने जताई है। दरअसल, दिवाली के बाद हुई बारिश प्रदेशवासियों के लिए वरदान साबित हुई है। आतिशबाजी ने हवाओं में जहर घोल दिया। दिवाली के बाद हुई बारिश ने इस प्रदूषण को धो दिया है।
बेमौसम बारिश से धान को नुकसान इस बारिश से उन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है, जो त्योहार के लिए अपने घर वापस आए थे। उधर, किसानों को भी इस बारिश से नुकसान की आशंका है। दरअसल, कई जगह किसान धान की फसल काट चुके हैं। धान कटाई के बाद गेहूं बुवाई की तैयारी कर रहे किसानों को और इंतजार करना पड़ सकता है। धान के साथ सब्जियों की फसलों को भी नुकसान हुआ है। इससे पहले मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के आसपास के इलाकों में 15 और 16 नवंबर को बारिश होने का एलार्ट जारी किया था।
पानी में डूब गई फसल ये बारिश भले ही प्रदूषण को कम करने के लिए वरदान साबित हुई है लेकिन इसने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। कई जगह खेतों में खड़ी फसल बारिश के पानी में डूब कर नष्ट हो गई। खेतों में फसल गिर जाने व उनके भीग जाने से अब उनके सड़ने का खतरा किसानों के सिर मंडरा रहा है। सरसों, फूल गोभी, गाजर, टमाटर कई अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा है।इससे अन्नदाताओं को काफी नुकसान पहुंचा है। उधर, धान कटाई के बाद गेहूं बोने की तैयारी कर हैं किसानों को अब थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। गेहूं की बुवाई 7 से 10 दिन तक लेट हो सकती है।