18 सितंबर से होगी यूपी बोर्ड अंक सुधार परीक्षा लखनऊ. यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की अंक सुधार परीक्षा 18 सितंबर से होगी। इस परीक्षा कार्यक्रम में अभी कोई बदलाव नहीं किया गया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग शुक्रवार को सभी जिलाधिकारियों के साथ इस संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके हालात का जायजा लेगा। बता दें कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की ओर से इस वर्ष हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की लिखित परीक्षा नहीं कराई गई थी। छात्र-छात्राओं को पिछली परीक्षाओं में मिले अंकों के आधार पर उत्तीर्ण व प्रोन्नत किया जा चुका है। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मिले अंकों से संतुष्ट नहीं थे, ऐसे में माध्यमिक शिक्षा विभाग अंक सुधार परीक्षा करा रहा है। परीक्षा 18 सितंबर से छह अक्टूबर तक होगी। करीब 79 हजार से अधिक ने इसके लिए आवेदन किया है और प्रदेश में 590 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा की अन्य सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
822 कंप्यूटर ऑपरेटरों को सेवा विस्तार की सौगात गोरखपुर. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर जिले के 20 ब्लाकों में कार्यरत 822 कंप्यूटर ऑपरेटरों को सेवा विस्तार की सौगात दी है। 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत सेवा दे रहे इन ऑपरेटरों की सेवा 31 मार्च 2021 को समाप्त हो गई थी लेकिन कोविड 19 को देखते हुए उनसे काम लिया जा रहा था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उनकी सेवा विस्तार से संबंधित शासनादेश जारी कर दिया गया है। ऑपरेटरों को जल्द ही 31 मार्च से बकाया मानदेय दे दिया जाएगा। शासन की ओर से सभी जिलों में 10 हजार रुपये प्रतिमाह पर कंप्यूटर आपरेटर रखने की स्वीकृति दी गई थी। कार्यों की अधिकता को देखते हुए 14वें वित्त के प्रशासनिक एवं तकनीकी मद से इनकी तैनाती की गई।
‘चलो एप पोर्टल’ से जुड़ेंगी सिटी बसें लखनऊ. नगरीय परिवहन अपनी वेबसाइट को चलो एप पोर्टल से जोड़ रहा है। ट्रायल शुरू हो गया है। इसका फायदा रोजाना आने जाने वाले यात्रियों का होगा। यात्री घर बैठे ही बसों की लोकेशन प्राप्त कर अपनी सुविधानुसार यात्रा के लिए निकल सकेंगे। इसके अलावा ई-बसों के लिए इस नई वेबसाइट में कई अहम जानकारियां होंगी। नगर बसों के सभी रूट, नए बनाये जाने वाले मार्ग, समय-सारणी, किराया, सुविधाओं के अलावा सिटी बसों से संबंधित तमाम जरूरी चीजें दैनिक यात्री चंद पलों में अपने मोबाइल से जान सकेगा। नई बसों के संचालन के लिए इस वेबसाइट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यह वेबसाइट एलसीटीसीएल.को.इन होगी। पुरानी खटारा नगर बसों की तरह अधूरी जानकारी देने वाली बल्कि यह नगर बस की अपग्रेड वेबसाइट होगी। इसमें आ रही 100 स्मार्ट इलेक्ट्रिक सिटी बसों के अलावा 40 पुरानी ई-बसों को भी जोड़ा जाएगा।
घर के बाहर दिखा तेंदुआ लखीमपुर खीरी. लखीमपुर खीरी में दुधवा टाइगर बफर जोन के वन रेंज धौरहरा क्षेत्र के सुजानपुर खैरीपुरवा गांव के बाहर बने एक घर की दीवार पर बुधवार रात एक तेंदुआ बैठा नजर आने से लोगों में दहशत फैल गई। लोगों ने उसे देखकर वीडियो बनाना शुरू किया तो वह दीवार से उतरकर पास ही गन्ने के खेत में घुस गया। बुधवार की रात करीब नौ बजे धौरहरा वन रेंज के सुजानपुर खैरीपुरवा गांव के बाहर परमेश्वरी पुरवा चहलुवा जाने वाले मार्ग पर वहां से गुजर रहे राहगीरों ने गांव के बाहर बने घर की दीवार पर तेंदुएं को बैठे देखा और उसका वीडियो बनाकर सूचना वन विभाग को दी। ग्रामीणों का कहना है कि यह तेंदुआ करीब 15 दिनों से गांव के आसपास देखा जा रहा है और इसने कई छुट्टा घूम रहे मवेशियों के शिकार भी किया है। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे वन दरोगा सत्यप्रकाश वर्मा,अनिल कुमार, वन रक्षक सतीश चंद्र मिश्रा, उत्तम पांडेय,दैनिक कर्मी कमाल अहमद,विवेक पप्पू,कन्हैया ने पग चिन्हों को देखकर तेंदुआ होने की पुष्टि की और कैमरे लगाकर उसकी निगरानी शुरू की।
अयोध्या की रामलीला का 26 भाषाओं में होगा प्रसारण अयोध्या. श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में होने वाली फिल्मी कलाकारों की रामलीला को ऐतिहासिक बनाने की तैयारियां जारी हैं। पिछली बार 16 करोड़ लोगों ने देखा था। इस बार भी रामलीला का 26 भाषाओं में लाइव प्रसारण किया जाएगा। दूरदर्शन-यू-ट्यूब सहित अन्य सोशल प्लेटफार्म पर दुनिया भर के भक्त घर बैठे राम की गाथा का मंचन देख सकेंगे। अनुमान है कि इस बार करीब 25 करोड़ लोग राम के चरित्र का मंचन देख पाएंगे। अयोध्या की रामलीला के अध्यक्ष सुभाष मलिक ने कहा कि इस बार की रामलीला कई देशों में दिखाई जाएगी और 26 भाषाओं में इसका लाइव प्रसारण होगा। रामलीला का प्रतिदिन लाइव प्रसारण 6 से 15 अक्तूबर तक शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक किया जाएगा। उधर दूसरी तरफ सरयू तट स्थित लक्ष्मण किला मंदिर परिसर में रामलीला मंचन को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। इस बार की रामलीला में भी कोविड प्रोटोकॉल को देखते हुए दर्शकों को अनुमति नहीं होगी। सुभाष मलिक ने बताया कि अयोध्या की रामलीला को लेकर रामनगरी के संत-धर्माचार्यों से सुझाव भी लिए जा रहे हैं।